महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद महाविकास अघाड़ी में फूट पड़ने की आशंका जताई जा रही है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) आगामी नगर निगम और स्थानीय निकाय चुनाव अपने दम पर लड़ सकती है। उद्धव ठाकरे जल्द ही महाविकास अघाड़ी (एमवीए) छोड़ने का यह फैसला ले सकते हैं।
क्या कह रहे MVA के नेता?
शिवसेना (यूबीटी) पार्टी के एमवीए छोड़ने पर चर्चा शुरू हो गई है। उद्धव ठाकरे गुट के एक नेता ने कहा है कि वह महानगरपालिका के चुनाव अलग लड़ने पर सोच रही है। शिवसेना भविष्य में सभी चुनाव अपने दम पर लड़ सकती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कल शिवसेना उद्धव के इस रुख पर बोलने से मना किया तो वहीं, बालासाहेब थोरात और विजय वडेट्टीवार ने कहा कि सभी दलों को अलग-अलग लड़ने का अधिकार है। इसके लिए पार्टियां अपना रुख बदल सकती हैं।
उद्धव पर MVA छोड़ने का दवाब
शिवसेना (यूबीटी) आगामी नगर निगम और स्थानीय निकाय चुनाव अपने दम पर लड़ने की तैयारी कर रही है। शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं ने साथ ही जो जो उम्मीदवार चुनाव हारे और जो जीतें उन्होंने भी उद्धव ठाकरे से महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को जल्द छोड़ने का आग्रह किया है। हालांकि, उद्धव ठाकरे ने अभी तक कोई फ़ैसला नहीं किया है। कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के कारण एकनाथ शिंदे और उनके साथ चालीस विधायक बग़ावत कर उद्धव को झटका दे चुके है ऐसे में अब उद्धव क्या फ़ैसला लेते है यह देखना होगा।
संजय राउत क्या बोले?
जब शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत से पूछा गया कि क्या शिवसेना आगामी बीएमसी चुनावों में अकेले या एमवीए के हिस्से के रूप में चुनाव लड़ेगी? तो उन्होंने कहा- "आप लोग चिंतित क्यों हैं? अभी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हैं। हम देखेंगे, हम जानते हैं कि क्या करना है। एमवीए के नेता बीएमसी चुनावों के संबंध में निर्णय लेने में सक्षम हैं।"
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