Thursday, November 07, 2024
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लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी के सामने पेश होंगे तेजस्वी? अप्रैल में हुई थी 8 घंटे पूछताछ

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को आज लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी के सामने पेश होना है। इससे पहले अप्रैल महीने में तेजस्वी यादव से इस मामले में पूछताछ हुई थी।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Updated on: December 22, 2023 9:40 IST
Tejashwi Yadav, Tejashwi Yadav News, - India TV Hindi
Image Source : PTI तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम, बिहार

नई दिल्ली: लैंड फॉर जॉब मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशलाय के सामने आज तेजस्वी यादव को पेश होना है। ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित दफ्तर में पेश होने के लिए समन भेजा था।  इस मामले में ईडी 11 अप्रैल को तेजस्वी यादव से करीब आठ घंटे तक पूछताछ कर चुकी है। वहीं इस मामले में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपने बयान दर्ज कराने के लिए लालू प्रसाद को भी समन भेजा गया है।  यह पहली बार है जब  इस मामले में ईडी ने लालू प्रसाद को जांच में शामिल होने के लिए समन किया है। ईडी का यह समन लालू प्रसाद परिवार के एक कथित "करीबी सहयोगी" अमित कात्याल से पूछताछ के बाद आया है। कात्याल को ईडी ने नवंबर में गिरफ्तार किया था। 

क्या है लैंड फॉर जॉब मामला

कथित घोटाला उस समय का है जब लालू प्रसाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)-1 सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि 2004 से 2009 तक, भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन में समूह "डी" पदों पर कई व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था और बदले में, इन व्यक्तियों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी ए.के.इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी। ईडी ने पहले एक बयान में दावा किया था कि कात्याल इस कंपनी के निदेशक थे, जब इसने "लालू प्रसाद की ओर से" अभ्यर्थियों से जमीन हासिल की थी। एजेंसी ने आरोप लगाया था, ‘‘कंपनी का पंजीकृत पता डी-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, नयी दिल्ली है, जो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों का घर है।’’ इसने कहा, ‘‘लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे, तब उनके द्वारा अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले में अमित कात्याल ने उक्त कंपनी में कई अन्य जमीन भी ली थीं।’’ 

ईडी के अनुसार, जमीन प्राप्त करने के बाद, उक्त कंपनी के शेयर 2014 में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को "हस्तांतरित" कर दिए गए थे। पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया ईडी का मामला सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत से उपजा है। प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को इस मामले में सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के बाद अक्टूबर में एक निचली अदालत द्वारा जमानत दे दी गई थी। राजद विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का एक घटक दल है जो 2024 के आगामी आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने की योजना बना रहा है। 

लालू प्रसाद के परिवार को रियायती दरों पर जमीन बेची गई

सीबीआई के मुताबिक, नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में नियुक्त किया गया था। इसने आरोप लगाया कि इसके बदले में, अभ्यर्थियों ने, सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से, कथित तौर पर लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची। पिछले कुछ महीनों में, ईडी ने इस मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटियों मीसा भारती (राज्यसभा में राजद सदस्य), चंदा यादव और रागिनी यादव के बयान दर्ज किए हैं। (इनपुट-भाषा)

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