Thursday, October 31, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. हरियाणा में कांग्रेस के लिए आफत बनेगी केजरीवाल की रिहाई? BJP के लिए मौका? समझें पूरा गणित

हरियाणा में कांग्रेस के लिए आफत बनेगी केजरीवाल की रिहाई? BJP के लिए मौका? समझें पूरा गणित

आबकारी नीति 'घोटाले' के संबंध में CBI द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में केजरीवाल को मिली जमानत हरियाणा में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में बड़ा असर पैदा कर सकती है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published on: September 13, 2024 14:36 IST
Haryana Assembly Elections, Haryana Elections, Arvind Kejriwal- India TV Hindi
Image Source : PTI हरियाणा चुनावों में AAP और कांग्रेस आमने-सामने हैं।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति 'घोटाले' के संबंध में CBI द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी। केजरीवाल को जमानत दिए जाने के तुरंत बाद आम आदमी पार्टी की हरियाणा इकाई के प्रमुख सुशील गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी प्रमुख राज्य में चुनाव प्रचार करेंगे जहां लोग बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। सुशील गुप्ता के बयान से समझा जा सकता है कि अब AAP हरियाणा में पहले से कहीं ज्यादा मजबूती से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। इतिहास देखा जाए तो जिन राज्यों में AAP मजबूती से लड़ी है, वहां कांग्रेस का नुकसान होता रहा है, और यह बात देश की सबसे पुरानी पार्टी को परेशानी में डाल सकती है।

‘हरियाणा में चुनाव प्रचार करेंगे अरविंद केजरीवाल’

हरियाणा AAP के अध्यक्ष गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए कहा, ‘हम अब दोगुनी ताकत के साथ चुनाव लड़ेंगे। केजरीवाल जी जल्द ही हरियाणा में अपना अभियान शुरू करेंगे।’ हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में AAP अकेले अपने दम पर लड़ रही है। गुप्ता ने कहा कि लोग BJP को सत्ता से बाहर करने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भाजपा काल में विकास ठप हो गया है। लोग उन्हें सत्ता से बाहर करने के लिए 5 अक्टूबर का इंतजार कर रहे हैं। लोग बदलाव चाहते हैं, वे एक ईमानदार सरकार चुनना चाहते हैं।’

हरियाणा में त्रिकोणीय मुकाबले की कितनी संभावना?

राजनीति के एक्सपर्ट्स की मानें तो भले ही AAP का हरियाणा में पिछले विधानसभा चुनावों में खास रिकॉर्ड नहीं रहा हो, इस बार वह अपने वोट बेस में बढ़ोत्तरी कर सकती है। उसकी तरफ गया एक-एक वोट नतीजों को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। हालांकि हरियाणा में अधिकांश सीटों पर मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होने की संभावना है। इसके अलावा दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी जैसे छोटे-छोटे दल भी कुछ हद तक असर रखते हैं लेकिन वे भी शायद ही मुख्य लड़ाई में नजर आएं। इस तरह हरियाणा में AAP एक महत्वपूर्ण फैक्टर तो है, लेकिन मुकाबले को त्रिकोणीय करने की हद तक उसकी ताकत नजर नहीं आ रही।

Haryana Assembly Elections, Haryana Elections, Sunita Kejriwal

Image Source : PTI
अरविंद केजरीवाल की गैरमौजूदगी में सुनीता केजरीवाल ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली हुई थी।

कांग्रेस को नुकसान, बीजेपी को फायदा!

हरियाणा चुनावों में आम आदमी पार्टी के पूरी ताकत से उतरने से कांग्रेस को नुकसान पहुंच सकता है। पड़ोसी राज्य पंजाब में सरकार बनाने के बाद से ही AAP के हौसले बुलंद हैं और अपने नेता अरविंद केजरीवाल के जेल से रिहा होने के बाद उसके कार्यकर्ता और भी ज्यादा जोश में नजर आ रहे हैं। साथ ही दिल्ली के सीएम की पत्नी सुनीता केजरीवाल के साथ-साथ पार्टी के बाकी नेता भी प्रचार-प्रसार में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। सियासी पंडितों का मानना है कि AAP के प्रचार अभियान को जितनी गति मिलेगी, बीजेपी विरोधी वोट उतना ही बंटेगा जिससे कांग्रेस को नुकसान और भगवा दल को फायदा हो सकता है।

AAP और कांग्रेस की अब तक की लड़ाई में कौन जीता?

दिल्ली से लेकर पंजाब तक, गोवा से गुजरात तक, हर चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस की कीमत पर ही अपनी जमीन तैयार की है। दिल्ली और पंजाब में पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल करते हुए कांग्रेस को जहां सत्ता से बाहर कर दिया, वहीं गोवा और गुजरात में उसकी दुर्गति का बड़ा कारण बनी। दिल्ली का उदाहरण लें तो 2020 के विधानसभा चुनावों में AAP को 70 में से 62 और बीजेपी को 8 सीटें मिली थीं, जबकि 2013 तक सूबे की सत्ता में रही कांग्रेस लगातार दूसरी बार शून्य पर सिमट गई थी। वहीं, 2022 के पंजाब चुनावों में जहां AAP 117 में से 92 सीटें जीतकर सत्ता में आई, वहीं मात्र 18 सीटें लाकर कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई। बीजेपी हालांकि 2 ही सीटें जीत पाई लेकिन उसका वोट प्रतिशत यहां भी बढ़ा।

तो अब हरियाणा में AAP क्या गुल खिलाएगी?

अब सवाल यह उठता है कि क्या हरियाणा में भी AAP और कांग्रेस के बीच मुकाबले का पुराना इतिहास दोहराया जाएगा? एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर AAP हरियाणा में मजबूती से लड़ाई लड़ती है तो यह कांग्रेस के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। गोवा और गुजरात में यह देखा जा चुका है कि भले ही AAP ने इन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में बहुत ज्यादा सीटें न जीती हों, लेकिन सेंध कांग्रेस के वोट बैंक में ही लगी और BJP फायदे में रही। गोवा में 2022 में हुए चुनावों में AAP को 6.8 फीसदी वोट मिले थे जबकि गुजरात में उसे 12.92 फीसदी लोगों ने वोट किया था। इन दोनों ही चुनावों में जहां कांग्रेस का वोट शेयर घटा था वहीं बीजेपी के वोट बढ़े थे और उसने दोनों ही राज्यों में सरकार बनाई थी। अब देखना यह है कि हरियाणा के चुनावों में AAP बनाम कांग्रेस की लड़ाई क्या गुल खिलाती है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement