रायपुर: छत्तीसगढ़ में साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य की दो प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी चुनाव की तैयारियों में जोर शोर से जुट चुकी हैं। इस बीच छत्तीसगढ़ में कांग्रेस में फूट के आसार दिखाई दे रहे हैं। लंबे समय से मुख्यमंत्री पद की ओर टकटकी लगाए बैठे स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा है कि वह अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपने भविष्य के बारे में फैसला करेंगे। बता दें कि सिंहदेव की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से नाराजगी किसी से छुपी नहीं है और दोनों के बीच टकराव की खबरें भी आती रही हैं। ऐसे में उनके इस बयान को राज्य में किसी बड़ी राजनीतिक हलचल के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
मंत्री की टिप्पणी पर बीजेपी ने किया कटाक्ष
सोशल मीडिया पर मंत्री की टिप्पणी का वीडियो शेयर करते हुए विपक्षी दल बीजेपी ने कटाक्ष किया कि सोनिया जी-राहुल जी तो ढाई साल में फैसला नहीं ले सके, लेकिन अब चार साल बाद खुद फैसला लेना है, तो देरी नहीं करनी चाहिए। राज्य के सूरजपुर जिले में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान मंत्री ने कहा, ''मैं (विधानसभा) चुनाव से पहले अपने भविष्य के बारे में फैसला लूंगा। अभी तक, मैंने इसके बारे में नहीं सोचा है।'' सिंहदेव से जब पूछा गया कि क्या पार्टी कार्यकर्ता उन्हें मौजूदा कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। इस पर मंत्री ने कहा, ''कार्यकर्ताओं के ऊपर है, उनके मन की बात है। किस बात को लेकर वह काम करना चाहेंगे।''
CM भूपेश बघेल ने दिया ऐसा बयान
उनके बयान के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मीडिया सिंहदेव के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि मंत्री ने चुनाव लड़ने के फैसले के बारे में बात की थी। बघेल ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने कहा है कि वह भविष्य और चुनाव लड़ने के बारे में फैसला लेंगे, लेकिन आप जबरदस्ती घुमा रहे हो। बघेल ने कहा, ‘‘नेता चुनाव लड़ने से पहले अपने कार्यकर्ताओं से पूछते हैं। बाबा साहब (मंत्री टीएस सिंहदेव) ने गलत क्या कहा है। मैं भी चुनाव लड़ूंगा तब कार्यकर्ताओं से पूछूंगा कि लड़ूं या नहीं, सहयोग दोगे या नहीं। यह बहुत स्वाभाविक बात है। आप सब लोग इसको जबरदस्ती घुमा रहे हो।''
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने मंत्री सिंहदेव के बयान को शेयर करते हुए ट्वीट किया, ''आखिर मन का दर्द होठों पर फिर एक बार आ ही गया, ये चिंगारी कब बारूद बनकर फूटेगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।'' मूणत ने लिखा है, ''टीएस सिंहदेव महाराज! सोनिया- राहुल जी, तो ढाई साल में फैसला ले नहीं सकें, लेकिन अब चार साल बाद खुद फैसला लेना है, तो देरी नहीं करना चाहिए।''
टीएस सिंहदेव ने छोड़ा था पंचायत विभाग का मंत्री पद
बता दें कि राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मनमुटाव के बाद इस वर्ष जुलाई माह में सिंहदेव ने पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, वह अभी भी चार विभागों के मंत्री हैं। इस्तीफे में सिंहदेव ने लिखा था, ''जन-घोषणा पत्र के विचारधारा के अनुरूप महत्वपूर्ण विषयों को दृष्टिगत रखते हुए, मेरा यह मत है कि विभाग के सभी लक्ष्यों को समपर्ण भाव से पूर्ण करने में वर्तमान परिस्थितियों में स्वयं को असमर्थ पा रहा हूं। अतएव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के भार से मैं अपने आप को पृथक कर रहा हूं।''
सिंहदेव के हाथों में राज्य की कमान सौंपने की थी अटकलें
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 में कांग्रेस के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि एक समझौते के तहत बघेल के कार्यकाल का ढाई वर्ष पूरा होने के बाद सिंहदेव के हाथों में राज्य की कमान सौंपी जाएगी। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व ने ऐसे किसी भी समझौते से इंकार किया है।