Monday, December 23, 2024
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'हम अभी भी मुख्यमंत्री पद पर दावा करने को तैयार', BJP में जाने की अटकलों के बीच अजित पवार का बयान

अजित पवार ने खुलासा किया कि 2004 में जब एनसीपी ने गठबंधन की अपनी सहयोगी कांग्रेस से ज्यादा सीटें जीती थीं, तो उस वक्त उनके सहकर्मी दिवंगत आर आर पाटिल मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन दिल्ली से एक संदेश आया कि उनकी पार्टी को उपमुख्यमंत्री पद मिलेगा।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Apr 21, 2023 23:46 IST, Updated : Apr 22, 2023 6:23 IST
ajit pawar
Image Source : PTI अजित पवार

पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने उनके अगले राजनीतिक कदम को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी 2024 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव का इंतजार किए बगैर ‘अभी भी’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर दावा कर सकती है। विधानसभा में विपक्ष के नेता ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह ‘100 फीसदी’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे। पवार ने कहा कि उन्होंने जून 2022 में शिवसेना में बगावत से पहले ही सुना था कि मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नाखुश हैं और उनके दिमाग में कुछ चल रहा है।

'दिल्ली से एक संदेश आया कि...'

पवार ने खुलासा किया कि 2004 में जब एनसीपी ने गठबंधन की अपनी सहयोगी कांग्रेस से ज्यादा सीटें जीती थीं, तो उस वक्त उनके सहकर्मी दिवंगत आर आर पाटिल मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन दिल्ली से एक संदेश आया कि उनकी पार्टी को उपमुख्यमंत्री पद मिलेगा। यह पूछने पर कि क्या राकांपा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पद पर दावा करेगी, उन्होंने टिप्पणी की, ‘‘2024 क्यों, हम अभी भी मुख्यमंत्री पद पर दावा करने को तैयार हैं।’’ हालांकि, उन्होंने इस बयान को स्पष्ट नहीं किया।

'मैं 100 फीसदी मुख्यमंत्री बनना चाहूंगा'
रैपिड फायर राउंड में पुणे जिले की बारामती सीट से विधायक पवार से यह पूछा गया था कि क्या वह मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे। अजित पवार पहले उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। इस सवाल पर उन्होंने बेहद सटीकता से कहा, ‘‘हां, मैं 100 फीसदी मुख्यमंत्री बनना चाहूंगा।’’ यह पूछने पर कि राकांपा को उपमुख्यमंत्री पद से इतना लगाव क्यों है, अनुभवी नेता ने कहा कि 2004 में राकांपा और कांग्रेस ने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा और राकांपा को ज्यादा सीटें हासिल हुईं।

पवार ने कहा, ‘‘हमें 71 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को 69 सीटें हासिल हुईं। कांग्रेस सहित सभी को लगा कि मुख्यमंत्री राकांपा से होगा। लेकिन उच्च स्तर पर कुछ फैसले लिए गए और दिल्ली से एक संदेश आया कि राकांपा को उपमुख्यमंत्री पद मिलेगा और मुख्यमंत्री का पद कांग्रेस के हिस्से में चला गया।’’

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'उद्धव ठाकरे के साथ हंसी-खुशी काम किया'
पवार ने कहा कि उनके सहकर्मी पाटिल को सदन का नेता चुना गया और 2004 में अगर शीर्ष पद राकांपा को मिला होता, तो वह मुख्यमंत्री बन गए होते। पवार ने कहा, उसके बाद वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राकांपा से ज्यादा सीटें मिलीं, तो स्वभाविक तौर पर मुख्यमंत्री पद उसने अपने पास रख लिया। यह पूछने पर कि उन्हें मुख्यमंत्री रह चुके कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण और शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे में से किसके साथ काम करना ज्यादा अच्छा लगा, पवार ने कहा कि उन्हें चव्हाण के साथ काम करने में ज्यादा मजा नहीं आया, लेकिन उन्होंने ठाकरे के साथ ‘हंसी-खुशी’ काम किया।

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