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कर्नाटक: किसे मिलेगी कमान? असमंजस में हाईकमान, CM को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार

कर्नाटक में सीएम बनाने को लेकर कांग्रेस पार्टी के आला कमान लेता भी असमंजस में है। वे DK शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों को नाराज नहीं करना चाहते हैं, इसलिए पार्टी ने विधायकों से रायसुमारी भी की है।

Reported By : T. Raghavan Edited By : Shailendra Tiwari Published : May 15, 2023 13:28 IST, Updated : May 15, 2023 13:33 IST
DK Shivakumar and Siddaramaiah
Image Source : PTI डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया

कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद अभी भी CM को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। पार्टी के नेता ये तय नहीं कर पा रहे कि किसे सीएम चुना जाए। इसे लेकर पार्टी के आला हाईकमान असमंजस की स्थिति में हैं कि किसे सीएम पद का उम्मीदवार बनाया जाए। इस लेकर हाईकमान ने कर्नाटक में पर्यवेक्षकों को भेजा है। आज पर्यवेक्षकों ने बेंगलुरु में विधायक दल की बैठक के बाद सभी सदस्यों के साथ वन टू वन बैठक की है। इसके बाद वे इस नतीजे पर पहुंचे की सभी विधायक एक बॉक्स में चिट डालें कि वे किसे अपना सीएम बनाना चाहते हैं। पर्यवेक्षकों ने सभी MLA को सीक्रेट बॉक्स में चिट के जरिए उनकी राय मांगी है। बता दें कि कर्नाटक में सीएम पद के लिए दो प्रबल दावेदार हैं- DK शिवकुमार और सिद्धारमैया।

बैठक में तीन तरह की बातें आईं सामने

सूत्रों के मुताबिक विधायक के साथ बैठक में तीन तरह की बातें सामने आईं हैं। पहला जो MLA दोनों ही नेताओं के करीबी हैं उनकी राय ये थी कि जो आलाकमान का फैसला है उनका भी वही मत है। दूसरा जो MLA सिद्धारमैया के सपोर्टर्स हैं उन्होंने सिद्धारमैया को अपना नेता माना और तीसरा जो शिवकुमार के समर्थक थे उन्होंने शिवकुमार को अपना नेता माना है। सूत्रों की मानें तो इस रायशुमारी में सिद्धारमैया के नाम पर ज्यादा समर्थन मिला। इस बात की भनक जब DK शिवकुमार को मिली तो उसके बाद से ही उनके तेवर थोड़े बदले हुए नजर आए।dk shivakumar

Image Source : PTI
DK शिवकुमार

हाईकमान मुझे जन्मदिन का तोहफ़ा देगा या नहीं- DK

फाइव स्टार होटल में पर्यवेक्षकों से मिलने के बाद DK शिवकुमार ने कहा कि हाईकमान मुझे जन्मदिन का तोहफ़ा देगा या नहीं मुझे नहीं पता लेकिन कर्नाटक की जनता ने मुझे आशीर्वाद दिया है। डीके शिवकुमार ने आगे कहा कि सोनिया गांधी ने मुझ पर भरोसा जताया और कर्नाटक को उनकी झोली में डालने का वादा मैंने पूरा किया है, डबल इंजन की सरकार ने मुझे काफी प्रताड़ित किया। इसके बावजूद कांग्रेस के लिए मैंने ऐतिहासिक जीत दिलाई है। बता दें कि दोपहर 1 बजे सिद्धारमैया और DK शिवकुमार को स्पेशल प्लेन से दिल्ली जाना था लेकिन सिर्फ सिद्धारमैया तो निकले, पर DK शिवकुमार ने जन्मदिन और घर में पूजा का हवाला देते हुए देरी कर दी।

जानें क्यों आलाकमान डीके नहीं बनाना चाहते सीएम

बता दें कि इसमें कोई दो राय नहीं कि 2019 में निष्प्राण हो चुके संगठन में जान फूंककर पार्टी को 135 विधायकों के साथ रिकॉर्ड जीत दिलवाने में DK शिवकुमार ही सबसे बड़े किरदार हैं। लेकिन फिर भी आलाकमान उन्हें CM बनाने की स्थिति में फिलहाल नहीं दिख रही है, उसकी वजह है कि अगले साल होने वाले लोकसभा के चुनाव। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पहले ही कह चुके हैं कि इन चुनावों को जीतकर सिर्फ बेटल जीता है असली वॉर जीतना अभी बाकी है ऐसे में अगर DK शिवकुमार को CM बनाया जाता है तो पहले से ही CM रह चुके सिद्धारमैया को केबिनेट से बाहर रखना होगा।

सिद्धारमैया अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और दलितों की आवाजsiddaramaiah
Image Source : PTI
सिद्धारमैया

बता दें कि सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय से आते हैं जिसकी आबादी तकरीबन 8 फीसदी है, इसके अलावा सिद्धारमैया वो नेता हैं जिन्होंने अहिंदा आंदोलन को राज्य में फिर से जिंदा किया, इस आंदोलन के जरिए सिद्धारमैया अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और दलितों की आवाज बन गए। वहीं इस चुनाव में पहली बार ऐसा हुआ है कि कर्नाटक की आबादी में तकरीबन 40 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाले अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और दलितों ने एकजुट होकर कांग्रेस को वोट किया जिसका श्रेय कहीं न कहीं सिद्धारमैया को ही जाता है। सिद्धारमैया को अधिकार से बाहर रखने का मतलब लोकसभा चुनावों में इस 40 फीसदी आबादी की नाराजगी पार्टी को झेलनी पड़ सकती है ये रिस्क पार्टी फिलहाल उठाना नहीं चाहती है।

पॉवर शेयरिंग ही विकल्प

दूसरी तरफ DK शिवकुमार वोक्कलिगा समुदाय से आते हैं। बता दें कि 16 फीसदी आबादी के साथ ये समुदाय लिंगायतों के बाद राज्य का दूसरा बड़ा समुदाय है, वोक्कलिगा मठ के संतों के जरिए भी DK शिवकुमार ने कहलवाया है कि ये जीत उनकी है इसीलिए जीत का सेहरा भी उनके सिर ही बंधना चाहिए, अगर उन्हें CM नहीं बनाया जाता तो कांग्रेस को वोक्कलिगा वोटों का नुकसान हो सकता है। वहीं, पार्टी के सामने एक चुनौती ये भी है कि DK शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामलों की जांच चल रही है, इनको CM बनाना पार्टी छवि के लिए खतरा हो सकता है। ऐसे में आलाकमान के पास दोनों को खुश रखने और लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सत्ता के बंटवारे यानी पॉवर शेयरिंग के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है।DK Shivakumar and Siddaramaiah

Image Source : PTI
DK शिवकुमार और सिद्धारमैया

पार्टी ने निकाला 2+3 का फार्मूला

सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने बिना किसी परेशानी के सरकार के गठन और लोकसभा को ध्यान में रखते हुए 2+3 का फार्मूला निकाला है। पहले 2 साल सिद्धरामैया को CM बनाया जायेगा ताकि लोकसभा चुनावों में 40 फीसदी अहिन्दा वोट को अपने पाले में किया जाए। इसके बाद DK शिवकुमार सहित एक दलित और लिंगायत नेता को डिप्टी CM बनाया जाएगा ताकि लोकसभा के चुनावों के वोक्कलिगा और लिंगायत वोटों का समर्थन भी पार्टी को मिले। 2 साल बाद अगले तीन सालों के लिए DK शिवकुमार को CM बनाया जाएगा। साथ ही अगला चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जाएगा ताकि संगठन की मजबूती बनी रहे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक सिद्धारमैया इस प्रस्ताव से कमोबेश सहमत भी हैं लेकिन चूंकि राजनीति अनिश्चिताओं का खेल है इसीलिए DK शिवकुमार इस फार्मूले को लेकर फिलहाल खुश नहीं दिख रहे हैं। इसलिए कांग्रेस में उन्हें मनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं।

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