नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज जन्मदिन है। पीएम मोदी आज 74 साल के हो गए हैं। ऐसे में हम पीएम मोदी से जुड़े उस किस्से की बात करेंगे जब धीरूभाई अंबानी ने उन्हें देखते ही प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी की थी। धीरूभाई अंबानी की वो भविष्यवाणी सच भी हो गई और आज उस घटना के दशकों बाद नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं। आइये जानते हैं धीरूभाई अंबानी ने पीएम मोदी के लिए कब, क्या और कहां पर ये भविष्यवाणी की थी।
धीरूभाई ने मोदी को खाने पर बुलाया
दरअसल, बात 1990 के दशक के आखिरी सालों की है, तब भाजपा के राष्ट्रीय सचिव रहे नरेंद्र मोदी को पार्टी के संगठन का महामंत्री नियुक्त किया जा चुका था। इसी दौरान मशहूर उद्योगपति धीरूभाई अंबानी ने नरेंद्र मोदी को अपने मुंबई स्थित घर पर खाने पर बुलाया था। उनके बुलावे पर नरेंद्र मोदी भी उनके घर पहुंचे। यहां खाने की मेज लगाई गई और धीरूभाई अंबानी ने अपने दोनों बेटों के साथ उनकी मेजबानी की। इसके बाद सभी ने साथ बैठ कर खाना खाया।
खाने के बाद की भविष्यवाणी
खाना खाने के बाद धीरूभाई अंबानी और नरेंद्र मोदी के बीच काफी लंबी बातचीत हुई। इस बातचीत के बाद धीरू भाई अंबानी ने नरेंद्र मोदी के लिए भविष्यवाणी की। उनके जाने के बाद धीरूभाई अंबानी ने अपने दोनों बेटों से कहा, 'लंबी रेस न घोड़ो छे, लीडर चे, पीएम बनसे।' मतलब यह आदमी जो अभी घर से निकल कर गया, वह लंबी रेस का घोड़ा है। वह एक नेता है। वह एक दिन प्रधानमंत्री जरूर बनेंगे।
अनिल अंबानी ने बताया किस्सा
दरअसल, धीरूभाई अंबानी के छोटे बेटे अनिल अंबानी ने इस घटना के बारे में सालों बाद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी थी। अनिल अंबानी ने एक पोस्ट में लिखा था कि पापा की भविष्यवाणी हमेशा की तरह सिंपल और सीधी थी। भारत के इतिहास में मोदी का प्रधानमंत्री बनना एक निर्णायक क्षण था। पापा स्वर्ग में मुस्कुरा रहे होंगे, क्योंकि उनकी भविष्यवाणी हर बार की तरह सच हुई। मेरे पिता के शब्दों में नरेंद्र भाई खुली आंखों से सपने देखते हैं। उनके पास अर्जुन की तरह सटीक निशाना और लक्ष्य दोनों हैं।
नरेंद्र मोदी का राजनीतिक करियर
बता दें कि उस समय केशुभाई पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। 1998 के विधानसभा चुनावों में केशुभाई पटेल दोबारा मुख्यमंत्री बनाे। उस चुनाव में बीजेपी ने 182 में से 117 सीटों पर जीत का परचम लहराया और कांग्रेस पार्टी सिर्फ 60 सीटों पर ही सिमट कर रह गई। हालांकि बाद में जब राज्य में उपचुनाव हुए तो भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद पार्टी नेतृत्व ने केशुभाई पटेल की जगह राज्य का नया मुखिया चुना और वह मुखिया नरेंद्र दामोदर दास मोदी थे।
सीएम के बाद बने पीएम
दरअसल, छह अक्टूबर 2001 को केशुभाई पटेल की विदाई के बाद नरेंद्र मोदी की गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर ताजपोशी की गई। सत्ता पर काबिज होने के बाद उन्होंने ऐसे मजबूत तरीके से अपने पैर जमाए कि उन्हें कोई उखाड़ नहीं पाया। इसके बाद 2014 में एनडीए के नेतृत्व में नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने। कांग्रेस पार्टी सिर्फ 44 सीटों तक ही सिमट कर रह गई। यहां से शुरू हुई प्रधानमंत्री का सफर अभी तक जारी है। नरेंद्र मोदी लगातार तीन बार भारत के प्रधानमंत्री चुने जा चुके हैं।
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