पश्चिम बंगाल के विभाजन के बारे में चल रही अटकलों को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने संसद में पुरजोर विरोध किया है। टीएमसी सांसद समीरूल इस्लाम ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि भाजपा के सांसद व मंत्री बंगाल के विभाजन की बात कर रहे हैं। सासंद ने कहा कि जो लोग विभाजन करने की साजिश रच रहे हैं, वह इसे बंद करें। आइए जानते हैं कि ये पूरा विवाद शुरू कहां से हुआ है।
क्यों उठा विभाजन का विवाद?
दरअसल, केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कुछ दिन पहले पीएम मोदी से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी को प्रस्ताव दिया गया है कि उत्तर पश्चिम बंगाल को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) के अंतर्गत शामिल किया जाए। मजूमदार ने कहा था कि पश्चिम बंगाल का हिस्सा होते हुए भी उत्तर बंगाल पूर्वोत्तर के साथ समानताएं साझा करता है इसलिए इसे मंत्रालय के तहत पूर्वोत्तर में शामिल किया जा सकता है।
उत्तर बंगाल के लिए पैकेज की मांग
राज्यसभा में टीएमसी सांसद समीरूल इस्लाम ने कहा कि अगर केंद्र सरकार सही मायने में उत्तर बंगाल का विकास करना चाहती है तो इसके लिए अलग से एक विशेष पैकेज दिया जाए। जो लोग विभाजन करने की साजिश रच रहे हैं, वह इसे बंद करें। पूरी ताकत लगाकर भी आप बंगाल का विभाजन नहीं कर सकते।
भाजपा की ऐसी कोई योजना नहीं- दिलीप घोष
दूसरी ओर भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल का विभाजन करने की उनकी पार्टी की ऐसी कोई योजना नहीं है। घोष ने दावा किया कि टीएमसी राज्य के उत्तरी जिलों के विकास में बाधा डाल रही है। भाजपा ने कभी भी पश्चिम बंगाल को विभाजित करने की वकालत नहीं की है, न ही उसने किसी घोषणापत्र में ऐसा प्रस्ताव शामिल किया है। घोष ने उत्तर बंगाल के लोगों को धोखा देने और जिले के विकास का विरोध करने के लिए टीएमसी की आलोचना की। (इनपुट: भाषा)
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