गुवाहाटी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार ने पूर्वोत्तर को राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाने के लिए कड़ी मेहनत की है। साथ ही उन्होंने विपक्ष पर इस क्षेत्र की ‘उपेक्षा’ करने और ‘श्रेय लेने का भूखा’ होने का आरोप लगाया। असम में कई कार्यक्रमों में मोदी ने दावा किया कि उनकी सरकार के सत्ता में आने के पिछले 9 सालों में 'कनेक्टिविटी' की परिभाषा बदल गई है जिससे पूर्वोत्तर का इलाका देश के बाकी हिस्सों के करीब आ गया है। कई विश्लेषक प्रधानमंत्री के भाषणों को अगले साल के आम चुनावों की एक ऊर्जावान शुरुआत के रूप में देख रहे हैं।
पीएम ने असम में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में आक्रामक भाषण दिए और कार्यक्रमों व सांस्कृतिक समारोहों में भाग लिया। उन्होंने अन्य बातों के अलावा कई चिकित्सा, रेलवे और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने गौहाटी हाई कोर्ट के प्लेटिनम जयंती समारोह को भी संबोधित किया। मोदी के साथ पूर्वोत्तर के लिए उनके विश्वस्त व्यक्ति असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा भी थे। मोदी ने एक व्यापक-बिहू नृत्य प्रदर्शन भी देखा, जहां 11,000 से ज्यादा नृत्यांगनाओं और ढोल वादकों ने ‘इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम’ में प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया है।
‘हम सेवा भाव और समर्पण से काम करते हैं’
विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘हम अपनी नीतियां देशवासी पहले के आधार पर बनाते हैं, लेकिन जो हमसे पहले आए वे श्रेय लेने के भूखे थे और श्रेय के भूखे लोग देश को बर्बाद कर देते हैं। हम लोगों के लिए ‘सेवा भाव’ और ‘समर्पण’ के साथ काम करते हैं।’ उन्होंने दावा किया कि पूर्वोत्तर ‘दशकों तक परिवार नियंत्रित राजनीति, क्षेत्रवाद, भ्रष्टाचार और असुरक्षा के तहत पीड़ित’ था, जिस दौरान विकास संभव नहीं था और इस क्षेत्र ने इसके लिए ‘बड़ी कीमत’ चुकाई। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी सरकार ने पिछले 9 वर्षों में पूर्वोत्तर में सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे में नाटकीय सुधार सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की है।
‘पहले की सरकारों के लिए दूर था पूर्वोत्तर’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पहले की सरकारों के लिए पूर्वोत्तर दूर था। हमने इसे करीब लाने के लिए समर्पण के साथ काम किया है। पिछले 9 वर्षों में, हमने कनेक्टिविटी की पुरानी परिभाषा को बदल दिया है। यह अब चार आयामी - भौतिक, डिजिटल, सामाजिक और सांस्कृतिक संपर्कता है। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र के युवा हिंसा छोड़कर शांति की राह पर चल पड़े हैं। पूर्वोत्तर से अविश्वास का माहौल मिट रहा है, दिलों के बीच की दूरी मिट रही है। हमें और करीब आने की जरूरत है।’ प्रधानमंत्री ने एम्स, गुवाहाटी के साथ ही नलबाड़ी चिकित्सा महाविद्यालय, नागांव चिकित्सा महाविद्यालय, और कोकराझार चिकित्सा महाविद्यालय को भी राष्ट्र को समर्पित किया।
असम में 1500 हो जाएगी MBBS के छात्रों की संख्या
3 मेडिकल कॉलेजों में 24 स्नातक विभागों के साथ 500 बिस्तरों वाला टेर्टियरी केयर टीचिंग हॉस्पिटल सालाना 100 MBBS छात्रों की भर्ती के साथ शुरू होगा, जिससे असम में कुल MBBS छात्रों की संख्या 1500 हो जाएगी। उन्होंने राज्य सरकार और IIT गुवाहाटी की संयुक्त पहल, 546 करोड़ रुपये के असम एडवांस्ड हेल्थकेयर इनोवेशन इंस्टीट्यूट (AAHII) की नींव भी रखी। प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों को 1.1 करोड़ आयुष्मान कार्ड के वितरण की भी शुरुआत की। लाभार्थियों को इन कार्डों के साथ 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिल सकेगा।