राज्यसभा में मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच एक बार फिर नोक झोंक हुई। खरगे ने अपने एक वक्तव्य में सोनिया गांधी की ओर इशारा करते हुए कहा, मुझे बनाने वाली यहां बैठी हैं। उन्होंने कहा कि मुझे बनाने वाली सोनिया गांधी हैं। न रमेश मुझे बना सकता है, न आप बना सकते हैं, जनता ने मुझे बनाया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, खरगे जी आपको किसने बनाया है, यह आप खुद जानें, मैंने एक मुद्दा उठाया और आपने कैसे उसे ट्विस्ट किया है। आप मुझ पर लांछन लगने की कोशिश की। मैं एक साधारण व्यक्ति हूं, झुक कर चलना पसंद करता हूं।
'मैं खून का घूंट पी सकता हूं'
इससे पहले राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के एक बयान पर तीखी नाराजगी व्यक्त की थी। सभापति ने खरगे से कहा कि आप अचानक खड़े होते हैं और कुछ भी कह देते हैं। मेरी बात को समझते भी नहीं हैं। संसदीय इतिहास में चेयर का इस तरह अनादर कभी नहीं हुआ। सभापति ने कहा, मेरे अंदर बहुत सहनशक्ति है, मैं खून का घूंट पी सकता हूं। मैंने क्या-क्या बर्दाश्त किया है, कितना बर्दाश्त किया है और आप फट से खड़े होकर कह देते हैं।
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी बोल रहे थे। उसी समय खरगे कुछ बोलने के लिए उठे तो पीछे से कांग्रेस सांसद जयराम रमेश भी कुछ कहने लगे। सभापति ने जयराम रमेश को बुद्धिजीवी कहते हुए बीच में टोका-टोकी न करने के लिए कहा। इसी दौरान खरगे ने अपने अपमान का आरोप लगाया।
इस पर सभापति ने कहा, खरगे जी आप मेरी बात को नहीं समझ पाए, जितना मैं आपका आदर करता हूं, इसका एक अंश भी आप मेरे लिए करेंगे तो आपको महसूस होगा। मैंने यह कहा है जब प्रथम पंक्ति में आप जैसा 56 साल के अनुभव वाला व्यक्ति है, फिर आपको भी हर बार जयराम रमेश टीका-टिप्पणी कर मदद करना चाहते हैं। यह एक प्रॉब्लम है, जिसको आपको सॉल्व करना है। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, मुझे बनाने वाली यहां बैठी हैं, श्रीमती सोनिया गांधी ने मुझे बनाया है। न आप बना सकते हैं न रमेश बना सकता है।
सभापति बोले- मैं उस स्तर पर नहीं आना चाहता
इस पर सभापति ने कहा, मैं उस स्तर पर नहीं आना चाहता। मेरी बात को ध्यान से सुनिए, आप अचानक खड़े होते हैं और कुछ भी कह देते हैं, मेरी बात को समझते भी नहीं हैं। संसदीय इतिहास में चेयर का इस तरह अनादर कभी नहीं हुआ। इसके बाद सभापति ने कहा, मेरे अंदर बहुत सहनशक्ति है। मैं खून का घूंट पी सकता हूं। मैंने क्या-क्या बर्दाश्त किया है, कितना बर्दाश्त किया है और आप सीधे खड़े होकर कह देते हैं।
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