केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। इस बिल का कांग्रेस, सपा समेत इंडिया गठबंधन के दलों ने जोरदार विरोध किया है। इस बिल को लेकर लोकसभा में भारी हंगामा भी हुआ। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह विधेयक संविधान पर एक मौलिक हमला है। इस विधेयक के माध्यम से वे यह प्रावधान कर रहे हैं कि गैर-मुस्लिम भी वक्फ गवर्निंग काउंसिल के सदस्य होंगे। यह धर्म की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। इसके बाद ईसाइयों, फिर जैनियों का नंबर आएगा। हालांकि यह बिल लोकसभा में आज पास नहीं हो पाया। हालांकि सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने की सिफारिश की।
मायावती का बयान
वक्फ बोर्ड बिल मामले पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर बयान दिया। उन्होंने लिखा, "केन्द्र व यूपी सरकार द्वारा मस्जिद, मदरसा, वक्फ आदि मामलों में जबरदस्ती की दखलन्दाजी तथा मन्दिर व मठ जैसे धार्मिक मामलों में अति-दिलचस्पी लेना संविधान व उसकी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त के विपरीत अर्थात ऐसी संकीर्ण व स्वार्थ की राजनीति क्या जरूरी? सरकार राष्ट्रधर्म निभाए। मन्दिर-मस्जिद, जाति, धर्म व साम्प्रदायिक उन्माद आदि की आड़ में कांग्रेस व भाजपा आदि ने बहुत राजनीति कर ली और उसका चुनावी लाभ भी काफी उठा लिया, किन्तु अब देश में खत्म हो रहा आरक्षण व गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन आदि पर ध्यान केन्द्रित करके सच्ची देशभक्ति साबित करने का समय।"
अखिलेश यादव पर भड़के अमित शाह
किरेन रिजिजू जब इस बिल को पेश कर रहे थे, इस दौरान विपक्षी दलों द्वारा खूब हंगामा देखने को मिला। इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि ये बिल जो पेश किया जा रहा है वो बहुत ही सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने लॉबी में सुना है कि आपके कुछ अधइकार छीने जा रहे हैं और हमें आपके लिए लड़ना होगा। मैं इस बिल का विरोध करता हूं। इसपर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, अखिलेश जी, क्या इस तरह की गोलमोल बात आप नहीं कर सकते। आप स्पीकर के अधिकार के संरक्षक नहीं हो।