नई दिल्ली: संसद में आज भारी शोरगुल के बीच सरकार ने वक्फ संशोधन बिल पेश किया। विपक्षी दलों ने जहां इस बिल के विरोध में दलीलें दी वहीं सत्ता पक्ष ने इसकी खूबियां बताई। समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इस बिल का विरोध किया और कहा कि सोची समझी राजनीति के तहत इस बिल को लाया गया है।
गैर मुस्लिम को शामिल करने का औचित्य क्या ?
कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि जब लोकतांत्रिक रूप से चुने जाने की व्यवस्था है तो फिर इसमें नियुक्ति की बात कहां से आ गई। वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम को शामिल करने का औचित्य क्या है। आप जिलाधिकारी को पावर देना चाहते हैं। आपको पता है कि एक जगह जिलाधिकारी ने किया किया कि उसका असर पीढ़ियों तक को भुगतना पड़ा।
चंद कट्टर समर्थकों के तुष्टिकरण के लिए यह बिल
अखिलेश यादव ने कहा कि सच्चाई ये है बीजेपी अपने चंद कट्टर समर्थकों के तुष्टिकरण के लिए यह बिल ला रही है। इतना ही नहीं अखिलेश भाषण के दौरान लोकसभा अध्यक्ष पर भी टिप्पणी कर गए। इसपर अमित शाह ने तीव्र विरोध जताया। फिर लोकसभा अध्यक्ष ने मामले को शांत कराया और कहा कि हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि संसद की आंतरिक व्यवस्था और आसन पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
संविधान को रौंदा जा रहा
समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्ला नदवी ने कहा कि मुस्लिमों के साथ यह अन्याय क्यों किया जा रहा है? उन्होंने दावा किया, ‘‘संविधान को रौंदा जा रहा है। यह आप (सरकार) बहुत बड़ी गलती करने जा रहे हैं। इसका खामियाजा हमें सदियों तक भुगतना पड़ेगा।’’ सपा सांसद ने कहा, ‘‘अगर यह कानून पारित हुआ तो अल्पसंख्यक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे। कहीं ऐसा नहीं हो जनता दोबारा सड़कों पर आ जाए।’’
आस्था और धर्म के अधिकार पर हमला
कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक संविधान पर हमला है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय के आदेश से अयोध्या में मंदिर बोर्ड का गठन किया गया। क्या कोई गैर हिंदू इसका सदस्य हो सकता है। फिर वक्फ परिषद में गैर मुस्लिम सदस्य की बात क्यों की जा रही है?’’ वेणुगोपाल ने दावा किया कि यह विधेयक आस्था और धर्म के अधिकार पर हमला है। उन्होंने कहा, ‘‘अभी आप मुस्लिम पर हमला कर रहे हैं, फिर ईसाई पर करेंगे, उसके बाद जैन पर करेंगे।’’ कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि यह विधेयक महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के चुनाव के लिए लाया गया है, लेकिन देश की जनता अब इस तरह की विभाजन वाली राजनीति पसंद नहीं करती। वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक संघीय ढांचे पर भी हमला है।