वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने बयान दिया है। उन्होंने कहा, "हमें सोचना चाहिए कि सरकार मुसलमानों की हितैषी है? क्या उन्होंने मुसलमानों के हित में कोई कानून बनाया है? क्या सरकार मुसलमानों के हित में कोई योजना लेकर आई है? आपने मौलाना आजाद छात्रवृत्ति खत्म कर दी, आपने मदरसों को दी जाने वाली सहायता समाप्त कर दी। यह सरकार मुसलमानों की हितैषी बिल्कुल नहीं है। उसे जवाब देना चाहिए कि उसने संविधान को कैसे दरकिनार कर दिया?"
चंद्रशेखर आजाद बोले- हम चुप नहीं बैठेंगे
उन्होंने कहा कि अगर आप संविधान का उल्लंघन करेंगे तो हम किसी भी कीमत पर चुप नहीं बैठेंगे। सरकार के पास बहुमत है, वह इसे पारित करवा सकती है। हम इसे रोक नहीं सकते। लेकिन अगर कुछ गलत हुआ तो हम अपनी आवाज उठाएंगे। यह न्याय नहीं है, यह दमन है। जब जेपीसी बनेगी, तो हम अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे। आप मुसलमानों को कमजोर करना चाहते हैं। हमने पहले भी विभाजन का दंश झेला है। मैं हिंदू-मुस्लिम पर राजनीति नहीं चाहता, मुद्दों पर आधारित राजनीति होनी चाहिए।
अखिलेश यादव का बयान
बता दें कि केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में आज वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया। यह बिल लोकसभा में आज पास नहीं हो पाया। लेकिन केंद्र सरकार ने इसे संसदीय समिति के पास भेजने की सिफारिश की है। बता दें कि इस बिल को जब किरेन रिजिजू सदन में पेश कर रहे थे। उस वक्त संसद में विपक्षी दलों ने इसका खूब विरोध किया। अखिलेश यादव ने कहा कि यह कुछ अधिकार छीनने जैसा है, हमें आपके लिए लड़ना होगा। वहीं मुस्लिम धर्मगुरू मौलाना एजाज कश्मीरी की तरफ से भी इसे लेकर बयान आ चुका है।
मुस्लिम धर्मगुरू का बयान
उन्होंने कहा, "यह बिल इसलिए लाया गया है, ताकि मोदी सरकार मुसलमानों के जमीन पर कब्जा कर ले। इस सरकार को मुसलमानों के ही मामलों में हतक्षेप क्यों करना है। पहले तीन तलाक को खत्म किया और अब मुसलमानों की वक्फ की जमीन पर सरकार की बुरी नजर है। केंद्रीय मंत्री सिर्फ वहाबी, बोहरी, अहमदी कम्युनिटी के दिक्कतों को लेकर बात कर रहे हैं। देश मे इतने शिया-सुन्नी हैं। उसके बारे में क्यों नहीं बोलते, जो लोग मोदी सरकार या bjp को वोट देते है। यह सिर्फ उन्हें ही फायदा देने के लिए यह बिल लाया गया है।"