माचेरला: जनता द्वारा चुने गए नेता ही अगर चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने लगें तो एक निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने का जिम्मा कौन संभालेगा? ये सवाल आंध्र प्रदेश में खूब गूंज रहा है और इसकी वजह है सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी के एक विधायक, जिन्होंने वोटिंग के दौरान ईवीएम मशीन तोड़ी है। इसका वीडियो भी सामने आया है। ईवीएम को नुकसान पहुंचाने के मामले कुल 7 जगहों से सामने आए हैं।
चुनाव आयोग ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
चुनाव आयोग ने इस मामले में मंगलवार को आंध्र प्रदेश पुलिस प्रमुख को सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी विधायक के खिलाफ सख्त आपराधिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि 13 मई को माचेरला निर्वाचन क्षेत्र के 7 मतदान केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) तोड़ी गईं, जिसमें मतदान केंद्र संख्या 202 भी शामिल था, जहां स्थानीय विधायक पी रामकृष्ण रेड्डी ने कथित तौर पर एक ईवीएम को नीचे गिराकर उसे तोड़ा था।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा , 'माचेरला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में, पीएस नंबर (मतदान केंद्र संख्या) 202 सहित सात मतदान केंद्रों पर ईवीएम को नुकसान पहुंचाया गया, जहां मौजूदा विधायक पी रामकृष्ण रेड्डी द्वारा ईवीएम को नुकसान पहुंचाने की यह घटना वेब कैमरे में रिकॉर्ड की गई थी।' मंगलवार देर रात निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मुकेश कुमार मीना के कार्यालय पहुंचे।
मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, चुनाव आयोग ने इस घटनाक्रम को गंभीरता से लिया है और सीईओ को भी इसमें शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त आपराधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं और ऐसा करने के लिए डीजीपी हरीश कुमार गुप्ता को सूचित करने का निर्देश दिया है।
पलनाडु जिला चुनाव अधिकारियों ने जांच में सहायता के लिए पुलिस को इन घटनाओं के फुटेज उपलब्ध कराए हैं। इसके अलावा, चुनाव आयोग ने पुलिस से ईवीएम को नुकसान पहुंचाने वाले मामलों में शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है, जिससे भविष्य में कोई भी अशांति फैलाने करने की हिम्मत न कर सके।
बता दें कि आंध्र प्रदेश में 13 मई को एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव हुए थे। दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश में पलनाडु, तिरूपति और अनंतपुर जिलों में कई स्थानों पर चुनाव संबंधी हिंसा देखी गई है।