रांची: भ्रष्टाचार मामले में फंसे झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद चंपई सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। सोमवार को नव निर्वाचित सीएम चंपई सोरेन विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर रहे हैं। ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए झामुमो नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार के विश्वास मत में हिस्सा लेने के लिए यहां विधानसभा पहुंचे। रांची की एक विशेष अदालत ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को शक्ति परीक्षण में भाग लेने की अनुमति दे दी थी। हेमंत सोरेन जब कोर्ट की तरफ जाने के लिए जैसे ही गाड़ी में बैठने लगे तो उन्हें पत्रकारों ने घेर लिया। पत्रकारों को देखते ही सोरेने नाराज हो गए और माइक पर हाथ मारा।
न्यायालय ने हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला देते हुए हेमंत सोरेन को मतदान में हिस्सा लेने की अनुमति दी है और साथ ही विधानसभा में या विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करने पर पाबंदी लगा दी है। न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय को यह आदेश दिया है कि वह हेमन्त सोरेन को लेकर 11 बजे विधानसभा जायें और वोटिंग के बाद करीब 12 बजे तक अपने साथ ले आयें।
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कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था और उसके तुरंत बाद ही चंपई सोरेन को विधायकदल का नेता चुना गया था। ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था। हेमंत सोरेन ने इसके खिलाफ कोर्ट में अर्जी लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी है। हेमंत सोरेन की ओर से एक हस्तक्षेप याचिका दायर कर दोनों बिंदुओं को चुनौती दी गई है। कोर्ट मे पेशी के लिए हेमंत जा रहे थे और पत्रकारों के सवाल का जवाब नही ंदे रहे थे। उनका गुस्सा चरम पर दिखा।
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हेमंत की याचिका पर सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई सूचीबद्ध है। अपनी हस्तक्षेप याचिका में हेमंत सोरेन की ओर से कहा गया है कि उनके खिलाफ कोई केस नहीं बनता है। राजनीतिक विद्वेष के कारण उनकी गिरफ्तारी की गई है। उनकी गिरफ्तारी गलत और नियमों के विरुद्ध है।