Highlights
- जेएनयू की नयी वीसी की यह प्रेस विज्ञप्ति ‘निरक्षरता’ का प्रदर्शन है, जिसमें व्याकरण संबंधी अशुद्धियों की भरमार है: वरुण गांधी
- इस तरह की औसत दर्जे की नियुक्तियां हमारी मानव पूंजी और हमारे युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाती हैं: वरुण गांधी
- बीजेपी नेता वरुण गांधी ने कहा कि चयन का पैमाना रीट्वीट नहीं, बल्कि अकादमिक साख और पूर्व का अनुभव होना चाहिए।
नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi on JNU VC) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की कुलपति (VC) के रूप में शांतिश्री धूलिपुडी पंडित की नियुक्ति की मंगलवार को कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की ‘औसत दर्जे की नियुक्तियां हमारी मानव पूंजी और हमारे युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाती हैं।’ यूनिवर्सिटी की कुलपति का पदभार संभालने के बाद पंडित द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति को वरूण ने ट्विटर पर साझा किया और कहा कि यह ‘निरक्षरता’ का प्रदर्शन है।
‘निरक्षरता का प्रदर्शन है प्रेस विज्ञप्ति’
बीजेपी सांसद ने कहा, ‘जेएनयू की नयी वीसी की यह प्रेस विज्ञप्ति ‘निरक्षरता’ का प्रदर्शन है, जिसमें व्याकरण संबंधी अशुद्धियों की भरमार है। इस तरह की औसत दर्जे की नियुक्तियां हमारी मानव पूंजी और हमारे युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाती हैं। हमें सही मूल्यों एवं अनुशासन वाले नेतृत्व की जरूरत है, न कि उन लोगों की, जो नियुक्ति के संबंध में अपनी पहली प्रेस विज्ञप्ति पर वाजिब बुनियादी मेहनत भी नहीं कर सकते हैं। JNU जैसे महान संस्थान को सहानुभूतिपूर्ण, संवेदनशील और सतर्क संचालक की जरूरत है, न कि ऐसे बड़बोले संचालक की, जिसे अपनी वाणी पर कम नियंत्रण हो।’
‘चयन का पैमाना रीट्वीट नहीं होना चाहिए’
बीजेपी नेता ने कहा कि चयन का पैमाना रीट्वीट नहीं, बल्कि अकादमिक साख और पूर्व का अनुभव होना चाहिए। उनका इशारा पंडित के नाम वाले एक असत्यापित ट्विटर हैंडल से जारी कुछ विवादास्पद ट्वीट की तरफ था। इस हैंडल को बाद में हटा दिया गया था। केंद्र सरकार ने पंडित (59) को जेएनयू) की नयी कुलपति नियुक्त किया है, जिससे वह इस यूनिवर्सिटी में इस पद पर आसीन होने वाली पहली महिला बन गई हैं। पंडित जेएनयू की छात्रा रह चुकी हैं। उन्होंने यहां से अंतरराष्ट्रीय संबंध विषय में एमफिल के साथ-साथ पीएचडी की उपाधि हासिल की है।