Highlights
- वरुण ने ट्विटर पर लिखा, देश में आज बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रही है।
- वरुण ने लिखा कि इससे मुंह मोड़ने का अर्थ कपास से आग ढकने जैसा है।
- वरुण अर्थव्यवस्था और कृषि जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार के रुख की आलोचना करते रहे हैं।
नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने शुक्रवार को कहा कि देश में आज बेरोजगारी ‘सबसे बड़ी समस्या’ बनकर उभर रही है इससे मुंह मोड़ने का अर्थ कपास से आग ढकने जैसा है। अर्थव्यवस्था और कृषि जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार के रुख की आलोचना करते रहे वरुण गांधी ने पिछले दिनों पटना में रेलवे भर्ती में अनियमितता को लेकर हुए प्रदर्शन के दौरान एक युवक से बातचीत का 'बीबीसी' का वीडियो ट्विटर पर साझा किया।
‘आज बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रही है’
वरुण ने ट्विटर पर लिखा, ‘देश में आज बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। स्थिति विकराल होती जा रही है। इससे मुंह मोड़ना कपास से आग ढकने जैसा है।’ ज्ञात हो कि रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के विरोध में 24 जनवरी को छात्रों के विभिन्न समूहों ने पटना सहित बिहार और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शन कर रेलमार्ग को अवरूद्ध कर दिया था। प्रदर्शन से उत्पन्न विधि व्यवस्था की स्थिति से निपटने के दौरान 4 अभ्यार्थियों को हिरासत में लिया गया था।
‘सोचिये, जब हर चीज बिकेगी तब देश का क्या होगा’
बता दें कि इससे पहले वरुण ने महीने की शुरुआत में सरकार को महंगाई और बेरोजगारी एवं विनिवेश को लेकर घेरते हुए कहा था,‘सोचिये, जब हर चीज बिकेगी तब देश का क्या होगा। देश इस समय संकट में है, महंगाई आसमान छू रही है। बेरोजगारी तेजी से बढ़ती जा रही है। ऊपर से निजीकरण के नाम पर देश के महत्वपूर्ण संसाधनों को बेचा जा रहा है। सोचिये जब हर चीज बिकेगी तब देश का क्या होगा? आज राजनीति स्वार्थ और भ्रष्टाचार से लिप्त है। देश की चिंता करिए, राजनीति में ईमानदार लोगों को लाइये।’
‘किसान अपना अनाज बिचौलियों को बेचने के लिए मजबूर’
वहीं, किसानों के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया था कि खरीद केंद्रों में खुले आम भ्रष्टाचार हो रहा है और किसान अपना अनाज बिचौलियों को बेचने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी की मांग करते हुए कहा था कि जब तक यह नहीं किया जाता तब तक ‘मंडियों’ (कृषि उत्पादों के बाजार) में किसानों का शोषण होता रहेगा। MSP की कानूनी गारंटी देना 3 कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संघों की मांगों में से एक है। गांधी ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी।