Highlights
- उत्तराखंड कांग्रेस में अंतर्कलह खुलकर सामने आने लगी है
- कमलेश रमन और डॉक्टर रतूड़ी के इस्तीफे से कांग्रेस में हड़कंप
- सिसोदिया की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए दोनों नेता
Uttarakhand Politics: देशभर की तरह उत्तराखंड में भी अपने खराब दौर से गुजर रही कांग्रेस को आज बड़ा झटका लगा है। उत्तराखंड कांग्रेस में अंतर्कलह खुलकर सामने आने लगी है। पार्टी के दो नेताओं ने पार्टी के भीतर चल रहे अंतर्कलह को वजह बताकर पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है। देहरादून में पिछले चार दशक से कांग्रेस के लिए काम कर रहे डॉक्टर आरपी रतूड़ी ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। यही नहीं इस फैसले के फौरन बाद पार्टी में महिला विंग में महानगर अध्यक्ष से लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष तक की जिम्मेदारी संभालने वाली कमलेश रमन ने भी कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया। दोनों नेता सोमवार को आज दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हुए।
मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में ली पार्टी की सदस्यता
आज ही इन दोनों नेताओं ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में पार्टी के प्रभारी दिनेश मोहनिया ने दोनों को पार्टी की सदस्यता दिलाई। वहीं, इस दौरान मनीष सिसोदिया ने दोनों नेताओं का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि उनके आने से पार्टी को बहुत लाभ मिलेगा और उनके अनुभव से पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को बल मिलेगा। डॉ. आरपी रतूड़ी और कमलेश रमन कांग्रेस में कई वरिष्ठ पदों पर रहते हुए कांग्रेस की कई सालों से सेवा कर रहे थे लेकिन पार्टी में आपसी गुटबाजी से तंग आकर यह फैसला लिया।
प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने कहा कि आज भी लोग अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की नीतियों पर भरोसा कर रहे हैं और बहुत जल्द पार्टी उत्तराखंड में एक मजबूत संगठन खड़ा करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि पार्टी में शामिल हुए दोनों नेताओं का अनुभव पार्टी को मजबूती प्रदान करेगा। उन्होने पुनः सभी नेताओं को पार्टी में शामिल होने पर शुभकामनाएं दी।
प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष करन मेहरा के लिए ये ज्यादा बड़ा झटका
उत्तराखंड कांग्रेस के लिए इसे एक बड़ा झटका माना जा रहा है। ये प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष करन मेहरा के लिए ज्यादा बड़ा झटका है, जिनकी कार्यप्रणाली पर इसके बाद सवाल उठना तय है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी ने राज्य में नए प्रदेश अध्यक्ष की कमान करन मेहरा को सौंपी थी। पार्टी ने एक युवा चेहरे के रूप में करन मेहरा को जिम्मेदारी दी और सबसे बड़ी चुनौती अंतर्कलह को खत्म करने का भी भरोसा जताया, लेकिन राज्य में पार्टी के भीतर चल रहे मतभेद ने उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।