
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कुछ समय पहले 'इंडियन स्टेट के खिलाफ लड़ाई' का बयान दिया था। उनके इस बयान को लेकर काफी हंगामा भी मचा था। अब इस मामले में राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। संभल जिले के न्यायालय के न्यायाधीश ने राहुल गांधी को उनके बयान को लेकर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने राहुल गांधी को उनके खिलाफ दायर की गई शिकायत पर जवाब देने या फिर पेश होने के लिए कहा है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, राहुल गांधी ने 15 जनवरी 2025 को एक बयान दिया था कि 'हम अब भाजपा, आरएसएस और इंडियन स्टेट (भारतीय राज्य) से लड़ रहे हैं'। राहुल के बयान के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए विशेष एमपी/एमएलए न्यायालय में मामला दायर किया गया था। हालांकि, सीजेएम ने क्षेत्राधिकार के आधार पर इस मामले को खारिज कर दिया था। राहुल गांधी के बयान से जुड़े इस मामले को लेकर अधिवक्ता सचिन गोयल ने कहा- "न्यायालय ने शिकायत स्वीकार कर ली है और राहुल गांधी को नोटिस जारी करते हुए उन्हें 4 अप्रैल को न्यायालय में पेश होने या जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।"
कोर्ट ने भेजा 4 अप्रैल का समन
'इंडियन स्टेट के खिलाफ लड़ाई' के बयान के मामले में राहुल गांधी को नोटिस भेजे जाने पर अधिवक्ता सचिन गोयल ने कहा- "हमने पुनरीक्षण याचिका दायर की और संभल के जिला न्यायाधीश न्यायालय ने राहुल गांधी को 4 अप्रैल को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया है।"
क्या था राहुल गांधी का पूरा बयान?
बीते 15 जनवरी को कांग्रेस पार्टी के नए मुख्यालय 'इंदिरा भवन' का उद्घाटन हुआ था। इस अवसर पर राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था- "कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सिर्फ भाजपा से नहीं बल्कि इंडियन स्टेट से लड़ रहे हैं।" राहुल ने कहा था- "ऐसा मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें कोई निष्पक्षता नहीं है। अगर आप मानते हैं कि हम भाजपा या आरएसएस नामक राजनीतिक संगठन से लड़ रहे हैं, तो आप समझ नहीं पाए हैं कि क्या हो रहा है। भाजपा और आरएसएस ने हमारे देश की हर संस्था पर कब्जा कर लिया है। अब हम भाजपा, आरएसएस और भारतीय राज्य से ही लड़ रहे हैं।" (इनपुट: ANI)
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