मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता शिवराज सिंह चौहान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृषि मंत्रालय का अहम प्रभार मिला है। मंत्री पद मिलने के बाद से ही शिवराज सिंह चौहान एक्शन मोड में आ गए हैं। शिवराज ने पहले दिन कई अधिकारियों के साथ बैठक की और दिशा-निर्देश दिए। अब शुक्रवार को शिवराज ने एक बार फिर से 8 राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ नें अहम बैठक की है। आइए जानते हैं कि क्या था इस बैठक का एजेंडा।
दालों को लेकर 'आत्मनिर्भरता' पर चर्चा
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कृषि भवन में 8 राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की है। इस बैठक का मुख्य एजेंडा था देश में दालों को लेकर 'आत्मनिर्भरता'। शिवराज ने राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ देश में दालों को लेकर 'आत्मनिर्भरता' पर चर्चा की है।
सामूहिक प्रयासों पर जोर
कृषि भवन में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि खरीफ का सीजन शुरू हो गया है। यह समय राज्यों के साथ चर्चा और योजना बनाने का है। शिवराज ने कहा कि हमें सामूहिक प्रयासों से अरहर, मसूर और उड़द के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनना होगा। शिवराज ने देश में दलहन में आत्मनिर्भरता के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सामूहिक प्रयासों एवं आगामी योजनाओं पर विस्तृत चर्चा भी की है।
इन फसलों पर होगा जोर
शिवराज ने कहा कि अगर हम सब साथ मिलकर काम करें तो 2 साल में दाल के आयात पर निर्भरता को पूरी तरह खत्म कर सकते हैं। शिवराज ने आगे कहा कि हम सभी को खरीफ की 3 महत्वपूर्ण दलहनी फसलें अरहर, उड़द और मूंग पर जोर देना होगा। इस बैठक में राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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