Highlights
- ‘भारत बैशिंग ब्रिगेड’ इन दिनों देश की संस्कृति, संकल्प और संविधान की ‘लिचिंग करने’ की स्पर्धा में लगा हुआ है: नकवी
- नकवी ने कहा, कुछ लोग भारत के संस्कार, संकल्प, संस्कृति, संविधान की ‘सांप्रदायिक लिंचिंग’ की ‘सुपारी’ लेकर काम कर रहे हैं।
- केंद्रीय मंत्री ने कहा, भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने ‘तुष्टीकरण के छल’ को ‘समावेशी सशक्तिकरण के बल’ से ध्वस्त किया है।
नयी दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘भारत बैशिंग ब्रिगेड’ इन दिनों देश की संस्कृति, संकल्प और संविधान की ‘लिचिंग करने’ की स्पर्धा में लगा हुआ है।
नकवी ने यह बयान उस वक्त दिया है जब हाल ही में ‘इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल’ द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में अंसारी ने कहा था कि हाल के वर्षों में उन्होंने उन प्रवृत्तियों और प्रथाओं के उद्भव का अनुभव किया है, जो नागरिक राष्ट्रवाद के सुस्थापित सिद्धांत को लेकर विवाद खड़ा करती हैं और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की एक नयी एवं काल्पनिक प्रवृति को बढ़ावा देती हैं।
पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी ने यह भी कहा था, ‘वह नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर अलग करना चाहती हैं, असहिष्णुता को हवा देती हैं और अशांति एवं असुरक्षा को बढ़ावा देती हैं।’ अंसरी के इस बयान की पृष्ठभूमि में नकवी ने कहा, ‘ऐसा महसूस हो रहा है कि कुछ लोग भारत के संस्कार, संकल्प, संस्कृति, संविधान की ‘सांप्रदायिक लिंचिंग’ की ‘सुपारी’ लेकर काम कर रहे हैं। भारत के खिलाफ दुष्प्रचार सिंडिकेट की ‘मोदी बैशिंग सनक’, ‘भारत बैशिंग साजिश’ बनती जा रही है।’
बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि मोदी सरकार के समावेशी विकास, सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण के सफल परिणामों से परेशान कुछ लोग अल्पसंख्यकों को लेकर दुनिया के सामने तथ्यों-तर्कों और जमीनी हकीकत के विपरीत ‘झूठ के झाड़ से सच के पहाड़’ को परास्त करने का ‘पाखंडी प्रयास’ कर रहे हैं। नकवी के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने ‘तुष्टीकरण के छल’ को ‘समावेशी सशक्तिकरण के बल’ से ध्वस्त किया है, जिसका परिणाम है कि आज समाज के सभी वर्ग सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण के बराबर के हिस्सेदार-भागीदार बन रहे हैं।
नकवी ने अंसारी का नाम लिए बगैर कहा, ‘कुछ लोग पाकिस्तान प्रायोजित संस्था के मंच से भारत की संस्कृति, संस्कार और समावेशी संकल्प पर भ्रम पैदा करने की भारत विरोधी साजिश का हिस्सा बन रहे हैं।’