उमेश पाल हत्या कांड: यूपी पुलिस 18 साल से फरार माफ़िया अतीक अहमद के गुर्गे अब्दुल कवि की तलाश कर रही है और अब उसकी पहचान हो गई है। पुलिस को अब्दुल कवि की पुरानी फोटो मिल गई है। अब्दुल कवि अतीक अहमद का ऐसा गुर्गा है जो 2005 में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड का भी आरोपी है और इस वारदात के बाद से वह आज तक फरार है। पुलिस अबतक उसे पकड़ नहीं सकी है। इसकी खास वजह ये है कि 18 साल से फरार अतीक अहमद के इस गुर्गे की एक भी फोटो भी पुलिस के पास नही थी लेकिन अब वह बच नहीं सकेगा क्योंकि अब पुलिस को 18 साल बाद अब्दुल कवि की पुरानी फोटो मिल गई है।
राजू पाल की हत्या के बाद से फरार है अब्दुल कवि
उमेश पाल हत्या कांड के बाद जब पुलिस ने माफ़िया अतीक अहमद के गुर्गों की कुंडली खंगालनी शुरू की तो अब्दुल कवि का नाम सामने आया था। चौंकाने वाली बात ये है कि राजू पाल हत्याकांड के बाद से ये अब तक फरार है। कौशाम्बी के भाखनंदा गांव के रहने वाले अतीक अहमद के गुर्गे अब्दुल कवि की तलाश में कौशाम्बी पुलिस दिन-रात उसकी तलाश कर रही है। शुक्रवार को भी कौशाम्बी के बाकन्दा इलाके के तमाम गांवों में पुलिस ने सघन चेकिंग अभियान चला कर एक एक घर की तलाशी ली।
अब्दुल कवि पर 50 हजार का इनाम भी रखा गया है
पुलिस और PAC ने घरों के अलावा खेतो में भी काम्बिंग ऑपरेशन चलाया। पुलिस को कुछ इनपुट मिले थे कि अब्दुल कवि अपने गांव के आसपास ही रह रहा है, जिस पर पुलिस ने पूरे गांव की तलाशी ली थी। 18 साल से फरार अतीक के इस गुर्गे पर पुलिस ने 50 हज़ार का इनाम भी घोषित किया है। उमेश पाल हत्या कांड के बाद पुलिस ने अब्दुल कवि पर शिकंजा कसा और उसके भाई को कवि की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके अलावा अब्दुल कवि के पुस्तैनी घर को बुलडोज़र से ध्वस्त कर दिया गया। ध्वस्तीकरण के दौरान हुई घर की तलाशी में कवि के घर से दीवार के अंदर छुपा कर रखे गए कई अवैध असलहे और कारतूस भी बरामद हुए थे ।
शुक्रवार को कौशाम्बी पुलिस ने पूरी तैयारी के साथ अब्दुल कवि के गांव मे छापेमारी की। पुलिस बुलेट प्रूफ जैकेट और बॉडी प्रोटेक्टर से लैस थी क्योंकि पुलिस को पूरी आशंका थी कि अब्दुल कवि पकड़े जाने के दौरान पुलिस पर फायरिंग कर सकता है। हालांकि दिन भर चली रेड और तलाशी के बाद भी कवि का कोई सुराग नही मिल सका।
ये भी पढ़ें:
संसद की सदस्यता जाने के बाद राहुल की पहली प्रतिक्रिया, 'हर कीमत चुकाने को तैयार'