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नाम गया, निशान गया... अब मातोश्री, सामना और शिवसेना भवन की बारी! जानिए कहां-कहां है शिंदे गुट की नजर

उद्धव ठाकरे से शिवसेना का नाम और निशान छिन गया है। विधानसभा और लोकसभा में ऑफिस छिन गया। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है लेकिन दूसरे दिन भी सुनवाई से इनकार कर दिया गया है। अब लड़ाई मातोश्री, शिवसेना भवन, सामना अखबार और बाकी संपत्तियों की है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Feb 21, 2023 18:23 IST, Updated : Feb 21, 2023 18:30 IST
uddhav thackeray
Image Source : PTI उद्धव ठाकरे

मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत में असली शिवसेना के लिए दावेदारी पर घमासान छिड़ा हुआ है। नाम और  निशान मिलने के बाद शिंदे गुट ने आज लोकसभा में शिवसेना के ऑफिस पर कब्जा जमा लिया है जबकि विधानसभा के ऑफिस में शिंदे गुट पहले ही कब्जा जमा चुका है। अब पूरी सियासत संपत्ति को लेकर है। शिंदे गुट शिवसेना के नाम से जो भी एसेट्स है उस पर अपना दावा कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे को सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है।

शिवसेना भवन, पार्टी फंड..अब इन पर होगी जंग?

उद्धव ठाकरे से शिवसेना का नाम और निशान छिन गया है। विधानसभा और लोकसभा में ऑफिस छिन गया। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है लेकिन दूसरे दिन भी सुनवाई से इनकार कर दिया गया है। अब लड़ाई मातोश्री, शिवसेना भवन, सामना अखबार और बाकी संपत्तियों की है। शिंदे गुट इन संपत्तियों पर कब्जा कर सकता है।

उद्धव के पास क्या बचा?

  • बालासाहब का सरनेम    
  • शिवसेना भवन
  • मातोश्री आवास
  • सामना
  • संगठन के पुराने साथी

शिवसेना भवन- शिंदे गुट की नजर अब शिवसेना भवन पर हो सकती है जिस पर शिवाई सेवा ट्रस्ट का मालिकाना हक है। ट्रस्ट का चेयरपर्सन ठाकरे परिवार है जिसका दशकों से पार्टी के कार्यालय के रूप में इस्तेमाल होता है। शिवसैनिक इस भवन को मंदिर मानते हैं क्योंकि बालासाहेब से इमोशनल कनेक्शन है। शिंदे गुट इस बात को जानता है इसलिए उन्होंने फिलहाल ये साफ कर दिया है कि अभी वो शिवसेना भवन पर दावा नहीं करेगा।

मातोश्री- शिवसेना भवन के बाद उद्धव के लिए सबसे बड़ा झटका होगा मातोश्री। एक समय था जब तीन मंजिला इस भवन के सामने मुंबई की हर इमारत बौनी थी। महाराष्ट्र के साथ ही पूरे देश के लिए हिंदुत्व और सियासी उठापटक का सबसे बड़ा अखाड़ा था लेकिन आज उद्धव को इस बिल्डिंग के भी हाथ से जाने का डर सता रहा है।

मातोश्री मुंबई के बांद्रा ईस्ट में 10 हजार स्क्वॉयर फीट में फैला हुआ है। 80 के दशक में बालासाहेब इसमें रहने आए थे। इस बिल्डिंग में कुल तीन मंजिल हैं- ग्राउंड फ्लोर पार्टी शिवसेना के लिए, फर्स्ट फ्लोर अपने बड़े बेटे और उद्धव के बड़े भाई जयदेव ठाकरे के लिए तो वहीं दूसरी और तीसरी मंजिल उद्धव ठाकरे के नाम पर है। अब उद्धव को इसी बात का डर सता रहा है कि शिवसेना का नाम और निशान जाने के बाद कहीं मातोश्री का ग्राउंड फ्लोर ना छिन जाए क्योंकि शिंदे गुट पार्टी की हर प्रॉपर्टी पर दावा कर सकता है।

सामना- मातोश्री के बाद अब बात शिवसेना के मुख पत्र सामना की। मराठी में सामना की शुरुआत बालासाहब ने 1988 में की थी फिर 1993 में दोपहर का सामना नाम से हिंदी में शुरुआत की गई। प्रबोधनकर पब्लिकेशन हाउस से सामना छपता है। बालासाहब ने पब्लिकेशन का नाम अपने पिता के नाम पर रखा था। इस बिल्डिंग्स के अलावा शिंदे गुट पार्टी के फंड पर भी दावा कर सकता है। 2020-21 की एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना की कुल एसेट्स 19 करोड़ 18 लाख की है जबकि 2020-21 में शिवसेना को कुल इनकम 13 करोड़ 84 लाख की हुई थी।

कहां-कहां शिंदे गुट की नजर?
- मुंबई में 227 शाखाओं पर         
- MMR रिजन में करीब 500 शाखाओं पर
- महाराष्ट्र में 82 जगहों पर पार्टी ऑफिस पर

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शिवसेना के अलग-अलग जगहों पर भी पार्टी कार्यालय है शिंदे गुट की नजर उस पर भी है। सिर्फ मुंबई में शिवसेना की 227 शाखाएं हैं जबकि अगर बात मुंबई मेट्रोपोलिटन रिजन की तो वहां पर करीब 500 शाखाएं हैं जबकि महाराष्ट्र में 82 जगहों पर शिवसेना का कार्यालय है। एक तरफ शिंदे गुट धीरे-धीरे संपत्तियों पर कब्जा कर रहा है तो दूसरी तरफ उद्धव गुट की सारी उम्मीदें अब सिर्फ और सिर्फ सुप्रीम कोर्ट पर टिकी है। बुधवार को सुनवाई के लिए वक्त दिया गया है। अब देखने वाली बात होगी कि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद उद्धव ठाकरे की मुश्किले कम होती हैं या नहीं।

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