रिश्वत लेकर सवाल पूछने के आरोप का सामना कर रही तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा की एथिक्स कमेटी से राहत नहीं मिल रही है। कमेटी ने महुआ मोइत्रा को 31 अक्टूबर को पेश होने के लिए समन जारी किया था। महुआ ने इस समन पर रिएक्शन देते हुए कहा था कि वह अपने कुछ तय कार्यक्रमों के कारण 4 तारीख के बाद कमेटी के सामने पेश होंगी। हालांकि, इस मामले में एथिक्स कमेटी ने महुआ की मांग को खारिज कर दिया है।
इस तारीख को पेश होंगी
तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को बताया है कि वह अपने ऊपर लगे आरोपों के मामले में दो नवंबर को लोकसभा की एथिक्स कमेटी के समक्ष पेश होंगी। महुआ ने इसके साथ ही अपने खिलाफ लगे आरोपों पर व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से सवाल-जवाब करने की भी इच्छा व्यक्त की है। महुआ ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि मैं समन का सम्मान करूंगी और 2 नवंबर, 2023 को सुबह 11 बजे समिति के सामने उपस्थित हो जाऊंगी।
पहली बैठक में क्या हुआ?
महुआ मोइत्रा मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी की बैठक के बाद कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने बताया था कि कमेटी द्वारा वकील जय अनंत और निशिकांत दुबे के बयानों को सुना गया। विनोद सोनकर ने बताया कि कमेटी ने वकील जय अनंत और निशिकांत दुबे की ओर से मामले में पेश किए गए साक्ष्यों पर भी गौर किया गया।
क्या है पूरा मामला?
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा पर अडानी समूह तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन का आरोप लगाया है। निशिकांत दुबे का कहना है कि वकील देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अडानी समूह तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता।
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