नासिक: महाराष्ट्र के नासिक स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में मुस्लिम युवकों द्वारा हरी चादर चढ़ाने की कोशिश करने के मामले में हंगामा हो गया है। इस मामले को लेकर आज सकल हिंदू समाज के लोग प्रदर्शन करेंगे। बता दें कि 13 मई को मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने मंदिर में चादर चढ़ाने की कोशिश की थी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था। त्र्यंबकेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल है। महाराष्ट्र सरकार ने इस घटना की SIT से जांच कराने का आदेश दिया है। मामले में पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ FIR भी दर्ज की है। आरोपियों के नाम अकील यूसुफ सैयद, सलमान अकील सैयद, मतीन राजू सैयद और सलीम बक्शु सैयद है। ये सभी लोग त्र्यंबकेश्वर ताल निवासी हैं।
SIT न केवल इस साल की घटना की जांच करेगी, बल्कि पिछले साल की घटना की भी जांच करेगी, जब एक निश्चित भीड़ मुख्य प्रवेश द्वार के माध्यम से कथित तौर पर त्र्यंबकेश्वर मंदिर परिसर में प्रवेश कर गई थी।
अबू आजमी का बयान आया सामने
इस मामले में समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र के प्रमुख और विधायक अबू आजमी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, 'इस मामले में मुझे शक है कि मुस्लिम शख्स मंदिर में चादर चढ़ाने गया। जो सही मायने में मुसलमान है वो कभी ऐसी हरकत नहीं कर सकता। मुझे इसमें कोई साजिश लग रही है। UP में भी दो-तीन बार ऐसी घटनाएं हुई हैं, जहां लड़के मुस्लिम नहीं निकले। देवेंद्र फडणवीस ने अब इस मामले की जांच के लिए SIT जांच की बात कही है, तो फिर सच सामने आ ही जाएगा।'
अकोला और अहमदनगर हिंसा पर भी बोले आजमी
आजमी ने कहा कि किसी भी त्योहार में विजय जुलूस, शोभा यात्रा या कोई भी जश्न मानने के लिए सड़क पर उतरकर लोग हंगामा क्यों करने लगते हैं? मस्जिदों के सामने नारेबाजी, तेज म्यूजिक क्यों बजाना? ऐसा सिर्फ भारत, बांग्लादेश, नेपाल जैसे देशों में होता है। यह किसी एक धर्म के लिए नहीं, सभी धर्मों के लिए है। सड़क पर भीड़ उतारकर जश्न मनाने की क्या जरूरत है? किसी को क्यों भड़काना है? कोई बड़ा खाली मैदान दे दो ऐसे लोगों को और मचाने दो शोर। मस्जिदों के सामने तेज म्यूजिक और भड़काने वाले नारे लगेंगे तो दंगे जैसी घटनाएं होंगी। इसलिए महाराष्ट्र सरकार को ऐसे किसी भी तरह के धार्मिक जुलूस पर रोक लगा देनी चाहिए।
महाराष्ट्र में ज्यादातर हिंसा और दंगे इसलिए हो रहे हैं क्योंकि कोई ना कोई हिन्दू देवी-देवताओं के बारे में या पैगम्बर मोहम्मद या किसी दूसरे संत-महात्मा के खिलाफ कुछ भी बोलता है या सोशल मीडिया पर पोस्ट डालता है। शिंदे सरकार को इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जो लोग ऐसा करते हैं, उनके खिलाफ आतंकी धाराओं के तहत कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन ऐसा सिर्फ किसी एक ही धर्म के लिए नहीं होना चाहिए।
बीएमसी चुनाव में मुस्लिम को टिकट देगी बीजेपी?
आजमी ने कहा कि बीजेपी के नेता मुसलमानों से नफरत करते हैं, वो अपनी हरकतों से बार-बार दिखाते हैं। चुनाव के दौरान ही इनका यह मुस्लिम प्रेम जगता है। अगर बीजेपी को यह मुस्लिम प्रेम जागा है तो मुस्लिम वोट किसी एक पार्टी के लिए ही नहीं है, जो जिसे चाहे वो दे सकते हैं। लेकिन मुझे यह पसंद नहीं है।
बीजेपी का मुस्लिम प्रेम कर्नाटक में दिखा, जहां उन्होंने 4% मुस्लिम आरक्षण को रद्द कर दिया। बीजेपी संविधान का हवाला देती है कि धर्म के आधार पर आरक्षण जायज नहीं है तो संविधान में संशोधन करके मुस्लिम आरक्षण को जगह दे। महाराष्ट्र में भी 5% मुस्लिम आरक्षण दिया गया था, तब भी बीजेपी ने विरोध किया। बीजेपी नेताओं की कथनी और करनी में बहुत अंतर है।
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