कर्नाटक के ठेकेदार संघ के अध्यक्ष ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि पिछली सरकार की तरह सरकारी ठेकों के लिए 40 प्रतिशत रिश्वत का चलन कांग्रेस शासन में भी जारी है। बता दें कि कर्नाटक की भाजपा सरकार के दौरान ठेकेदार संघ ने मंत्रियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों और अन्य लोगों पर ठेके देने और बिल को मंजूरी देने के लिए 40 प्रतिशत कमीशन की मांग करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने इस मुद्दे को चुनाव कैंपेन में बड़े स्तर पर भुनाया था। हालांकि, कर्नाटक ठेकेदार संघ का कहना है कि सरकार बदलने के बाद भी हालात जस के तस हैं।
क्या बोले ठेकेदार संघ के अध्यक्ष?
कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ के अध्यक्ष डी.केम्पन्ना ने गुरुवार को कहा है कि "कर्नाटक में अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार जारी है। अब तक किसी भी विधायक, सांसद या मंत्री ने हमसे पैसे नहीं मांगे हैं। पहले विधायक हमें काम का ठेका देने के लिए एक निश्चित राशि मांगते थे, अब ऐसी स्थिति नहीं है। अधिकारी आते हैं और पूछते हैं - अगर आपको काम चाहिए तो पैसे दो। जब हम पूछते हैं कि पैसा किसे दिया जाना चाहिए, तो वे (अधिकारी) कहते हैं - आप यह (जानना) क्यों चाहते हैं? यदि आप काम चाहते हैं, तो पैसा दें।"
पीएम मोदी को लिखा था पत्र
बता दें कि डी.केम्पन्ना के नेतृत्व में ही ठेकेदार संघ ने तत्कालीन भाजपा सरकार के मंत्रियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों और अन्य लोगों पर उत्पीड़न और उन पर ठेके देने और बिल को मंजूरी देने के लिए 40 प्रतिशत कमीशन की मांग करने का आरोप लगाया था। ठेकेदारों ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र भी लिखा था।
नाम उजागर नहीं करना चाहता- डी.केम्पन्ना
ठेकेदार संघ के अध्यक्ष डी.केम्पन्ना ने कहा है कि वह रिश्वत मांगने वाले अधिकारियों की पहचान उजागर नहीं करेंगे। केम्पन्ना ने कहा- "मैं पहले से ही मानहानि के पांच मामलों का सामना कर रहा हूं, इसलिए मैं अभी अधिकारियों के नाम उजागर नहीं करना चाहता। ऐसे अधिकारी सभी विभागों में हैं।" (इनपुट: भाषा)
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