कांग्रेस महाराष्ट्र और हरियाणा में हार की समीक्षा कर रही है। आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग हुई जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस के नेताओं से खरी-खरी बात की। खरगे ने कहा कि जहां जहां चुनाव हुए हैं वहां I.N.D.I. अलायंस की दूसरी पार्टियों ने चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया। जम्मू कश्मीर और झारखंड में सहयोगी दलों की सरकार भी बनी है लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। खरगे ने कहा कि जब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर हो सकता है तो फिर पांच महीने के बाद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हालत खराब क्यों हुई, ये सोचने की जरूरत है।
क्या कांग्रेस को मार गई आपसी लड़ाई?
खरगे ने कहा कि हकीकत ये है कि पार्टी में गुटबाजी और एक दूसरे के खिलाफ नेताओं की बयानबाजी ने चुनावों में नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र में माहौल कांग्रेस के पक्ष में था लेकिन कांग्रेस माहौल का फायदा क्यों नहीं उठा पाती, इस पर विचार करना चाहिए। हालांकि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने जो रोजोल्यूशन पास किया है उसमें EVM के मुद्दे को भी शामिल किया गया है।
देश भर में आंदोलन शुरू करेगी कांग्रेस
इसके बाद कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने भी कहा कि कांग्रेस हरियाणा और महाराष्ट्र में हार की एनालिसिस करेगी। लेकिन साथ साथ बैलेट से चुनाव कराने की मांग को लेकर देश भर में आंदोलन भी शुरू करेगी।
अजय माकन ने ली हरियाणा में हार की जिम्मेदारी
आज बैठक में अजय माकन ने हरियाणा में हार की जिम्मेदारी ली। उन्होंने कहा कि बतौर स्क्रीनिंग कमिटी चेयरमैन उन्होंने सिटिंग विधायकों को टिकट देकर गलती की, क्योंकि ज्यादातर सिटिंग विधायक चुनाव हारे।
इसके बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने बड़ी बात कही। उन्होंने इशारों-इशारों में राहुल गांधी को भी लपेट लिया और कहा कि जाति जनगणना, संविधान, सामाजिक न्याय जैसे मुद्दे उठाना तो ठीक है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि चुनावी राज्यों के लोकल मुद्दों को भूल जाएं। नेशनल लीडर्स और नेशनल इश्यूज़ से चुनाव नहीं जाता जा सकता, लोकल लीडरशिप को आगे होना होगा।
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