नई दिल्ली: कांग्रेस ने संसद की सुरक्षा चूक मामले के आरोपियों द्वारा कोर्ट के समक्ष किए गए दावे का हवाला देते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि विपक्ष के नेताओं को इस मामले में जिम्मेदार ठहराने की साजिश की जा रही है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सिम्हा की मदद से आरोपियों को संसद का पास मिला, लेकिन सिम्हा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
‘6 आरोपियों की न्यायिक हिरासत एक मार्च तक बढ़ी’
संसद की सुरक्षा में चूक मामले में गिरफ्तार किये गये 6 में से 5 आरोपियों ने बुधवार को एक अदालत को बताया कि दिल्ली पुलिस उन्हें विपक्षी दलों के साथ अपने संबंध स्वीकार करने के लिए कथित तौर पर प्रताड़ित कर रही है। 5 आरोपियों ने यह दलील अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष दी। जज ने सभी 6 आरोपियों की न्यायिक हिरासत एक मार्च तक बढ़ा दी है। जयराम रमेश ने ‘X’ पर पोस्ट किया, ‘अपने अपराध को छुपाने के लिए विपक्ष पर झूठे आरोप लगवाना ही 'अहंकाराचार्य' का तरीक़ा है! ED, CBI और आयकर विभाग का दुरुपयोग करके विपक्षी नेताओं को जेल में डालने वाली मोदी सरकार अब एक और साज़िश रच रही है।’
‘विपक्षी नेताओं का नाम लेने के लिए बना रहे दबाव’
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि पहले तो जिस बीजेपी सांसद ने संसद में घुसपैठ करने वाले युवाओं को पास दिए, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और सुरक्षा चूक को लेकर आवाज़ उठा रहे विपक्ष के 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। जयराम रमेश ने दावा किया, ‘अब षड्यंत्र के तहत थर्ड डिग्री देकर, बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाले उन युवाओं पर विपक्षी नेताओं का नाम लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। ऐसा इसलिए है, ताकि उन पर भी झूठे केस बनाए जा सकें और उन्हें संसद की सुरक्षा में हुई गंभीर चूक के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जा सके।’
‘अन्याय काल के ख़िलाफ़ कांग्रेस का संघर्ष जारी’
जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मोदी सरकार के 'अन्याय काल' के ख़िलाफ़ कांग्रेस का संघर्ष जारी है। आइए राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के माध्यम से इस अन्यायी सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करें।’