पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के साथ कथित यौन उत्पीड़न और हिंसा की खबरों ने पूरे देश को हैरान कर रखा है। भाजपा, कांग्रेस समेत तमाम विरोधी दल लगातार राज्य की सीएम ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल में लंबा समय गुजारने वाले भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने संदेशखाली हिंसा पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने ये भी आरोप लगाया है कि बंगाल में गुंडों, पुलिस और नेताओं के बीच मजबूत गठजोड़ है।
क्या पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र मौजूद है?
जबलपुर में संवादाताओं से बात करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि लोग छोटी घटनाओं के लिए दिल्ली में मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन करते हैं, उन्हें संदेशखाली का दौरा करना चाहिए और जांच करनी चाहिए कि क्या पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र मौजूद है। उन्होंने कहा कि संदेशखाली में स्थानीय लोगों के अधिकारों का उल्लंघन किया गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के पास जमीन के पट्टे के कागजात तो हैं लेकिन जमीन उनके कब्जे में नहीं है। उन्हें प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत अनाज पाने का अधिकार है, लेकिन उन्हें कोई राशन नहीं मिल रहा है।
शाहजहां शेख के बारे में बड़ा खुलासा
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने संदेशखाली हिंसा के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख के बारे में भी बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि संदेशखाली में भाजपा मंडल अध्यक्ष की कनपटी में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी लेकिन पुलिस ने एक साल तक हमलावरों को गिरफ्तार नहीं किया। जब मैंने धरना दिया तो पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करके औपचारिकता के तौर पर उन्हें (शाहजहां शेख को) गिरफ्तार किया। बाद में उसे संदेह के लाभ देते हुए बरी कर दिया गया। ये चीजें स्पष्ट रूप से गुंडों, पुलिस और नेताओं के बीच सांठगांठ को दर्शाती हैं।
राष्ट्रपति शासन पर भी बोले
पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग पर विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा सरकार नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करती है। राज्यपाल एक रिपोर्ट सौंपते हैं, जिसके बाद केंद्र सरकार फैसला करती है। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा ने आज तक कभी भी अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) का इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि पार्टी लोकतंत्र में विश्वास करती है। विजयवर्गीय ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में कोई लोकतंत्र नहीं है। मेरी यह राय है कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। ये भाजपा का विचार नहीं है। (इनपुट: भाषा)
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