Highlights
- तेलंगाना के वित्त मंत्री ने नीति आयोग पर साधा निशाना
- 'नीति आयोग ने मिशन भगीरथ और मिशन काकतीय को 24,000 करोड़ रुपये नहीं दिए: राव
- नीति आयोग को यह सुनिश्चित करना होगा कि केंद्र राज्यों की मांगों को स्वीकार करे: राव
Telangana News: तेलंगाना के वित्त मंत्री टी हरीश राव ने रविवार को नीति आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के सवालों पर आयोग की प्रतिक्रिया काफी राजनीतिक है। मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि रविवार को आयोजित शासी परिषद की सातवीं बैठक का मुख्यमंत्री के बहिष्कार करने पर नीति आयोग की प्रतिक्रिया केवल आधा सच है। चंद्रशेखर राव को केसीआर के नाम से भी जाना जाता है। केसीआर ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि वह राज्यों के प्रति केंद्र के मौजूदा भेदभावपूर्ण रवैये के विरोध में नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे। नीति आयोग ने बहिष्कार को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और राव द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया।
नीति आयोग की अहमियत खत्म हो गई है: हरीश राव
जिसके बाद हरीश राव ने सवाल किया, 'नीति आयोग ने मिशन भगीरथ और मिशन काकतीय को 24,000 करोड़ रुपये देने की परवाह नहीं की। नीति आयोग की अहमियत खत्म हो गई है। क्या केंद्र नीति आयोग की छवि खराब नहीं कर रहा है?'' तेलंगाना के मंत्री ने कहा कि नीति आयोग को यह सुनिश्चित करना होगा कि केंद्र राज्यों की मांगों को स्वीकार करे। मंत्री ने पूछा कि राज्यों के अधिकार खो जाने पर सहकारी संघवाद कहां है? मंत्री ने कहा कि केसीआर के एक भी सवाल का जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि केंद्र का दावा है कि तेलंगाना ने जल जीवन मिशन के तहत 3,922 करोड़ रुपये में से केवल 200 करोड़ रुपये का उपयोग किया है जो कि सच्चाई से बहुत दूर है।
फार्म हाउस से बाहर निकलें KCR: किशन रेड्डी
नीति आयोग का कहना है कि उपाध्यक्ष के नेतृत्व में उसका एक प्रतिनिधिमंडल 21 जनवरी 2021 को हैदराबाद में केसीआर से राज्य के विकास के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मिला था। आयोग ने कहा कि 'हाल में निति आयोग ने उनसे बैठक का अनुरोध किया लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।' इस बीच, केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने रविवार को ट्वीट किया, 'केसीआर और उनके विधायक सोशल मीडिया का इस्तेमाल केंद्र सरकार की नीतियों और विकास संबंधी मुद्दों पर निंदा करने के लिए करते हैं। उसी प्रवृत्ति के तहत उन्होंने नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लिया, जो केंद्र और राज्यों के बीच विकास संबंधी मुद्दों और उनके समाधान पर चर्चा का मंच है।'
दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन करने के बाद केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'केसीआर तेलंगाना में क्रांति लाने का दावा करते हैं। तेलंगाना के लोगों की परेशानियों को सुनने के लिए उन्हें अपने फार्म हाउस से बाहर निकलना चाहिए, जो उनके कुशासन का खामियाजा भुगत रही है।'