पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को दावा किया कि बीजेपी 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने से डरी हुई है क्योंकि उसे चुनावों में एकजुट विपक्ष का सामना करना पड़ सकता है। तेजस्वी ने बीजेपी के कुछ नेताओं के बयान के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही। बता दें कि बीजेपी के कुछ नेताओं ने 23 जून को पटना में आयोजित विपक्षी दलों के सम्मेलन को कमतर पेश करने की कोशिश की है। इस सम्मेलन में कांग्रेस से लेकर टीएमसी तक के प्रमुख नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।
‘बीजेपी यह तय नहीं करेगी कि…’
तेजस्वी ने कहा, ‘बीजेपी यह तय नहीं करेगी कि विपक्षी सम्मेलन का क्या असर होगा। दरअसल वह लोकसभा चुनाव का सामना करने से डरी हुई है। वह हाल में हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हार गयी है। उसे राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों में एक के बाद एक हार दिखाई दे रही है।’ बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का मुकाबला करने के लिए ‘एकजुट विपक्ष’ की तरफदारी करते आ रहे हैं। उन्होंने पिछले साल बीजेपी से नाता तोड़ लिया था।
‘हमने केसीआर से बात नहीं की है’
तेजस्वी यादव और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ‘लल्लन’ ने बुधवार को एलान किया था कि विपक्षी दलों का सम्मेलन 23 जून को होगा जिसमें राहुल गांधी, ममता बनर्जी और सीताराम येचुरी जैसे विभिन्न नेता भाग लेने को राजी हो गये हैं। तेजस्वी ने कहा कि 23 जून की बैठक में ‘करीब 15 राजनीतिक दलों’ का प्रतिनिधित्व होगा। हालांकि जब उनसे भारत राष्ट्र समिति के संस्थापक और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हमने उनसे अब तक बात नहीं की है।’
पिछले साल ही पटना आए थे KCR
बता दें कि पिछले साल NDA से नीतीश के बाहर आने के कुछ ही समय बाद राव पटना आये थे और उन्होंने राष्ट्रीय एकता की नीतीश कुमार की पैरोकारी पर मुहर लगायी थी। हालांकि इस बात की संभावना बहुत कम ही है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री ऐसे किसी ऐसे गठबंधन का हिस्सा होंगे जिसमें कांग्रेस होगी। तेलंगाना में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है और केसीआर नहीं चाहेंगे कि वह आगे चलकर उनके लिए चुनौती बने। हाल में BRS ने इस बात का पर्याप्त संकेत दिया कि ‘एकजुट विपक्ष’ का हिस्सा बनने के बजाय वह ‘तेलंगाना मॉडल’ पर चलेगी। (भाषा)