भारत-चीन सीमा पर सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। ओवैसी ने केंद्र पर इस मसले को लेकर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "चीन हमारी भूमि पर कब्जा करके बैठा है, अंदर घुस कर हमला कर रहा है लेकिन भारत सरकार चीन से निपटने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखा पा रही है।"
वहीं ओवैसी ने इस घटना के बाद आज सदन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा दिए गए बयानों की भी आलोचना की। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भारत और चीन सीमा पर 9 तारीख को यह झड़प होती है और खबर सामने आने के बाद 13 दिसंबर को सरकार इस पर बोलती है।
सेना की बहादुरी के पीछे छुप रही सरकार- ओवैसी
ओवैसी ने आगे कहा कि हमारे प्रधानमंत्री विदेश जाकर चीन के राष्ट्रपति से हाथ मिलाते हैं और चीन की सेना हमारी सीमा में घुसकर हमारे जवानों पर हमला करती है लेकिन यह सरकार कोई राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखा रही है और सेना की बहादुरी के पीछे छुप रही है।
डोकलाम की घटना से सरकार ने नहीं लिया सबक
उन्होंने आगे कहा कि डोकलाम की घटना से सरकार ने कोई सबक नहीं लिया और चीन की सेना आज भी हमारी जमीन पर बैठी हुई है। भाजपा सांसद कह रहे हैं कि 8-10 लोग घायल हैं और सरकार को सांप सूंघ गया है। यह कौन सा राष्ट्रवाद है। अगर चीन की जगह पाकिस्तान होता तो इनका रवैया क्या ऐसा ही होता?
ओवैसी ने ट्वीट कर भी बोला हमला
वहीं इससे पहले ओवैसी ने ट्वीट करके भी सरकार पर निशाना साधा था। ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, "हमारे 56 इंच के प्रधानमंत्री चीन का नाम लेने से इतना घबराते क्यों हैं? क्या वजह है कि ढाई साल से चीन लद्दाख में हमारी जमीन पर कब्जा करके बैठा है और मोदीजी के मुंह से चूं तक नहीं निकलती? इतनी मजबूत सेना है हमारी और इतना डरा हुआ नेता, क्यों?" ओवैसी ने कहा, "चीन ने तवांग में जो जुर्रत की है, वो सिर्फ हमारे PM और सरकार की कमजोरी को दर्शाता है।"