
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंगलवार को बड़ा बयान दिया है। स्टालिन ने कहा है कि तमिलनाडु एक और भाषा युद्ध के लिए तैयार है। दरअसल, एमके स्टालिन केंद्र सरकार पर तमिलनाडु पर हिंदी को थोपने का आरोप लगा रहे हैं। इसे लेकर विवाद जारी है। सीएम एमके स्टालिन ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करने के बाद ये भी बताया कि लोकसभा परिसीमन मुद्दे पर चर्चा के लिए आगामी 5 मार्च को सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला किया गया है।
क्या बोले सीएम एमके स्टालिन?
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से पूछा गया कि क्या केंद्र के कथित रूप से हिंन्दी थोपने के मद्देनजर ‘‘एक और भाषा युद्ध के बीज बोए जा रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा- "हां, निश्चित रूप से। और हम इसके लिए तैयार हैं।" दरअसल, तमिलनाडु की सत्ता पर काबिज DMK तीन भाषा नीति का विरोध कर रही है। DMK का कहना है कि तमिलनाडु तमिल एवं अंग्रेजी भाषा से संतुष्ट है। DMK ने केंद्र सरकार पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया है। हालांकि, केंद्र सरकार हमेशा के इन आरोपों का खंडन करती रही है।
दक्षिणी राज्यों पर तलवार लटक रही- स्टालिन
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने दावा किया है कि लोकसभा परिसीमन में तमिलनाडु को 8 सीटें खोने का खतरा है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू किया। इस कारण वहां जनसंख्या नियंत्रण हुआ। सिर्फ इसलिए कि यहां जनसंख्या कम है इसलिए लोकसभा सीटों में कटौती की स्थिति है। स्टालिन ने सर्वदलीय बैठक बुलाते हुए सभी राजनीतिक दलों से एकता की अपील की है। स्टालिन ने दावा किया है कि परिसीमन के नाम पर दक्षिणी राज्यों पर तलवार लटक रही है।
हम 8 सीटें खोने जा रहे हैं- स्टालिन
सीएम एमके स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु सभी विकास सूचकांक में अग्रणी है। हालांकि, परिसीमन के बाद अब लोकसभा सीटों पर हार का खतरा सामने है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये प्रक्रिया राज्य की जनसंख्या के आधार पर होगी। स्टालिन ने कहा- ‘‘हम 8 सीटें खोने जा रहे हैं और परिणामस्वरूप, हमारे पास केवल 31 सांसद होंगे, न कि 39। हमारा प्रतिनिधित्व (संसद में) कम हो जाएगा, तमिलनाडु की आवाज दबाई जा रही है। यह तमिलनाडु के अधिकारों का मामला है और सभी नेताओं एवं राजनीतिक दलों को पार्टी लाइन से हटकर इस मुद्दे पर एक साथ बोलना चाहिए।’’ (इनपुट: भाषा)
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