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महिलाओं के सम्मान को लेकर ‘तालिबानी सोच और सनक’ भारत में नहीं चलेगी: नकवी

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : December 18, 2021 02:05 pm IST
mukhtar abbas naqvi- India TV Hindi
Image Source : PTI महिलाओं के सम्मान को लेकर ‘तालिबानी सोच’ भारत में नहीं चलेगी: नकवी

Highlights

  • "अल्पसंख्यक दिवस" कार्यक्रम में नकवी की टिप्पणी
  • लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने का विरोध कर रहे सपा सांसद

नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि महिलाओं की स्वतंत्रता, सम्मान, सशक्तिकरण एवं संवैधानिक समानता पर ‘तालिबानी सोच और सनक’ हिंदुस्तान में नहीं चलेगी। उन्होंने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा आयोजित "अल्पसंख्यक दिवस" कार्यक्रम में यह टिप्पणी उस वक्त की है जब हाल ही में लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 21 साल करने के सरकार के फैसले का समाजवादी के सांसदों शफुर्करहमान बर्क एवं एसटी हसन तथा कुछ अन्य लोगों ने विरोध किया है।

नकवी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि कभी तीन तलाक की कुप्रथा को रोकने के लिए कानून बनाने का विरोध, कभी मुस्लिम महिलाओं को ‘मेहरम’ (नजदीकी पुरुष रिश्तेदार) के साथ ही हज यात्रा की बाध्यता खत्म करने पर सवाल और अब लड़कियों की शादी की उम्र के मामले में संवैधानिक समानता पर बवाल करने वाले लोग संविधान की मूल भावना के ‘पेशेवर विरोधी’ हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘महिलाओं की स्वतंत्रता, सम्मान, सशक्तिकरण एवं संवैधानिक समानता पर तालिबानी सोच और सनक हिंदुस्तान में नहीं चलेगी।’’ उनके मुताबिक, "अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के राजनीतिक छल" को "समावेशी सशक्तिकरण के राष्ट्रवादी बल" से मोदी सरकार ने ध्वस्त किया है। भारतीय अल्पसंख्यकों की "सुरक्षा, समावेशी समृद्धि एवं सम्मान", "संवैधानिक संकल्प" और भारतीय समाज की "सकारात्मक सोच" का नतीजा है। भारत के बहुसंख्यक समाज की सोच, अपने देश के अल्पसंख्यकों की "सुरक्षा और सम्मान के संस्कार एवं संकल्प" से भरपूर है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने 2014 के बाद 6 अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों- पारसी, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई और मुस्लिम- के 5 करोड़ से अधिक छात्रों को छात्रवृत्तियां प्रदान की। लाभार्थियों में 50 प्रतिशत से अधिक लड़कियां शामिल हैं। इसके परिणामस्वरूप, मुस्लिम लड़कियों का स्कूल ड्रॉप आउट रेट जो पहले 70 प्रतिशत था अब घट कर लगभग 30 प्रतिशत से कम रह गया है आने वाले दिनों में जीरो प्रतिशत करना हमारा लक्ष्य है।’’ ‘अल्पसंख्यक दिवस’ कार्यक्रम में अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री जॉन बारला, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, उपाध्यक्ष आतिफ रशीद और कई अन्य लोग मौजूद थे।

(इनपुट- भाषा)

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