Sunday, November 24, 2024
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राजस्थान में ‘तालिबानी शासन’, हिंदू अपना त्योहार मनाने में भी हिचकते हैं: बीजेपी

करौली में नवसंवत्सर के मौके पर एक समुदाय विशेष की बहुलता वाले क्षेत्र से निकाली गई मोटरसाइकिल रैली पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव कर दिया था।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 08, 2022 18:30 IST
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Image Source : PTI Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot.

Highlights

  • राजस्थान में कानून व व्यवस्था की जगह ‘तालिबानी शासन’ ने ले ली है, जहां हिन्दू त्योहार मनाने में भी हिचकता है: बीजेपी
  • ऐसा लग रहा है कि राजस्थान की सरकार खुद सांप्रदायिकता बढ़ाने के लिए कदम बढ़ा रही है: राज्यवर्धन सिंह राठौड़
  • क्या हिंदू सिर्फ पिटने और मुकदमे झेलने के लिए ही हैं? क्या उनके मानवाधिकार नहीं हैं?: राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया

नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मरूधरा में कानून व व्यवस्था की जगह ‘तालिबानी शासन’ ने ले ली है, जहां हिन्दू समुदाय पर्व और त्योहार मनाने में भी हिचकता है। बीजेपी की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और राज्य विधानसभा में विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि पिछले 3 वर्षों में राज्य में 7 लाख के करीब प्राथमिकी दर्ज हुई हैं।

‘महिलाओं से दुष्कर्म के 6,337 मामले सामने आए’

बीजेपी नेताओं ने कहा कि इन प्राथमिकियों में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या (मॉब लिंचिंग) और सांप्रदायिक हिंसा के मामले हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक साल के भीतर महिलाओं से दुष्कर्म के 6,337 मामले सामने आए हैं। राजस्थान के करौली में कुछ दिनों पहले हुई हिंसा की घटना का उल्लेख करते हुए राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा, ‘राजस्थान के अंदर आग लगी पड़ी है। हालात वहां हर दिन बुरे होते जा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि राजस्थान की सरकार खुद सांप्रदायिकता बढ़ाने के लिए कदम बढ़ा रही है।’ उन्होंने कहा कि बीजेपी राजस्थान को जलता नहीं देख सकती।


‘ऐसा लगता है कि राजस्थान में तालिबानी शासन है’
गौरतलब है कि शनिवार को करौली में नवसंवत्सर के मौके पर एक समुदाय विशेष की बहुलता वाले क्षेत्र से निकाली गई मोटरसाइकिल रैली पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव कर दिया था। इसके बाद वहां साम्प्रदायिक तनाव फैल गया और हालात नियंत्रण में करने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया। उपद्रव से जुड़ी इन घटनाओं में लगभग 35 लोग घायल हो गए थे। बीजेपी नेताओं ने करौली की घटना से जुड़े कुछ वीडियो भी दिखाए। पूनिया ने कहा, ‘राजस्थान में जिस तरह से तुष्टिकरण की राजनीति अशोक गहलोत कर रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि वहां तालिबानी शासन है।’

‘क्या हिंदू सिर्फ पिटने और मुकदमे झेलने के लिए ही हैं?’
गहलोत सरकार पर मानवाधिकारों पर चोट पहुंचाने का आरोप लगाते हुए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि क्या हिंदू सिर्फ पिटने और मुकदमे झेलने के लिए ही हैं? क्या उनके मानवाधिकार नहीं हैं? उन्होंने कहा, ‘प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के बावजूद अशोक गहलोत देश के प्रधानमंत्री से राजस्थान की हिंसा रोकने की बात करते हैं।’ पूनिया ने दावा किया कि राजस्थान में शांति खत्म हो गई है और इसके लिए अशोक गहलोत और उनकी तुष्टिकरण की नीति दोषी है। उन्होंने कहा, ‘गहलोत ने खुद बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के नाम से पक्ष खड़े कर दिए हैं।’

निष्पक्ष जांच करके सख्त कार्रवाई होनी चाहिये: पायलट
करौली शहर में आगजनी और हिंसा को लेकर बीजेपी द्वारा राज्य सरकार पर निशाना साधे जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अजमेर में कहा कि जहां-कहीं भी हिंसा होती है, वहां निष्पक्ष जांच करके सख्त कार्रवाई होनी चाहिये। उन्होंने उम्मीद जताई कि पुलिस अपना काम करेगी। पायलट ने यह भी कहा कि इस वारदात को अंजाम देने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे वे किसी भी पृष्ठभूमि के हों।

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