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VIDEO: चुनाव प्रचार के लिए तिहाड़ से बाहर आया ताहिर हुसैन, AIMIM ने मुस्तफाबाद सीट से दिया है टिकट

दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए तिहाड़ जेल से कस्टडी परोल मिल गई है और वह जेल से बाहर आ गया है। AIMIM ने उसे मुस्तफाबाद सीट से उम्मीदवार बनाया है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Jan 29, 2025 10:55 IST, Updated : Jan 29, 2025 11:09 IST
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Image Source : INDIA TV दिल्ली दंगों का आरोपी ताहिर हुसैन।

नई दिल्ली: दिल्ली दंगों का आरोपी ताहिर हुसैन दिल्ली विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए तिहाड़ जेल से कस्टडी परोल पर बाहर आया है। अदालत से कस्टडी परोल मिलने के बाद अब ताहिर हुसैन दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार करेगा। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने ताहिर हुसैन को दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। हुसैन के बाहर आने को लेकर राजनीतिक और कानूनी हलकों में चर्चा तेज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को राहत देते हुए चुनाव प्रचार के लिये मंगलवार को 6 दिन की हिरासती परोल दे दी थी।

12 घंटे के लिए जेल से बाहर रह सकेगा हुसैन

बता दें कि हिरासत परोल के तहत कैदी को सशस्त्र पुलिस कर्मियों द्वारा सभा स्थल तक ले जाया जाता है। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की तीन सदस्यीय बेंच ने 29 जनवरी से 3 फरवरी तक पुलिस हिरासत में चुनाव प्रचार करने की हुसैन की याचिका मंगलवार को स्वीकार कर ली। कोर्ट ने कहा कि जेल नियमावली के मुताबिक, उसे सुरक्षा के साथ केवल 12 घंटे के लिए ही जेल से बाहर जाने की इजाजत होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ताहिर सुबह 6 बजे जेल से बाहर जा सकता है और शाम 6 बजे तक वापस आ सकता है।

‘हर दिन जमा कराने होंगे 2.47 लाख रुपये’

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि ताहिर हुसैन को हिरासत में परोल की शर्त के तहत सुरक्षा खर्च के रूप में प्रतिदिन 2.47 लाख रुपये जमा कराने होंगे। कोर्ट ने कहा कि हुसैन को करावल नगर स्थित अपने घर, जो कथित तौर पर दंगों का स्थल है, नहीं जा सकता और मामले के गुण-दोष पर कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी नहीं कर सकता। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि इस आदेश को मिसाल नहीं माना जाएगा क्योंकि यह मामले के ‘विचित्र तथ्यों और परिस्थितियों’ को ध्यान में रखकर पारित किया गया था। 

दिल्ली दंगों में हुई थी 53 लोगों की मौत

बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 14 जनवरी को हुसैन को AIMIM के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए हिरासती परोल दी थी। हाई कोर्ट ने हालांकि 14 जनवरी से 9 फरवरी तक अंतरिम जमानत के हुसैन के अनुरोध को खारिज करते हुए कहा था कि उसके खिलाफ गंभीर आरोप हैं। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को दंगे हुए थे, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे। हुसैन खुफिया ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की मौत से जुड़े मामले में आरोपी है।

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