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सुशील मोदी की सरकार से मांग, अदालतों की छुट्टियों में कटौती करने पर विचार करे सरकार

सुशील मोदी ने अदालतों की छुट्टियों में कटौती की मांग करते हुए कहा कि न्याय व्यवस्था में देरी होने और उसके खर्चीले होने की वजह से आम जनता का न्यायापालिका पर से भरोसा उठता जा रहा है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Published : Dec 14, 2022 20:07 IST, Updated : Dec 14, 2022 20:07 IST
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Image Source : PTI सुशील मोदी ने सरकार से आदलतों की छुट्टियां कम करने पर विचार करने की मांग की है।

नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट्स में गर्मियों और दशहरा की छुट्टियों में कटौती पर विचार करने की मांग की। मोदी ने कहा कि यह व्यवस्था अंग्रेजों के जमाने की परंपरा है इसलिए इस पर विचार किया जाना चाहिए। राज्यसभा में अंतरराष्ट्रीय माध्यस्थतम केंद्र संशोधन विधेयक, 2022 पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट्स में लाखों की संख्या में मामले लंबित हैं जबकि निचली अदालतों में 4 करोड़ से भी ज्यादा मामले लंबित हैं।

‘कहीं भी वैकेशन का कोई प्रावधान नहीं है’

मोदी ने कहा कि न्याय व्यवस्था में देरी होने और उसके खर्चीले होने की वजह से आम जनता का न्यायापालिका पर से भरोसा उठता जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वैकेशन का सिस्टम है। हिंदुस्तान में कहीं भी वैकेशन का कोई प्रावधान नहीं है। अगर कोई आदमी काम करता है तो उसे साल में 50 या 60 छुट्टियां मिलती हैं और इसके प्रावधान हैं। लेकिन ऐसा नहीं होता कि सचिवालय महीने के लिए बंद कर दिया गया हो।’ मोदी ने कहा कि भारत के अंदर एक ऐसे सिस्टम को स्वीकार कर लिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट गर्मियों में डेढ़ महीने और जाड़े में 20 दिन बंद रहेगा।

‘सारे कार्यालय 365 दिन काम करते हैं’
मोदी ने कहा, ‘आज देश के अंदर सारी संस्थाएं, सारे कार्यालय 365 दिन काम करते हैं, और अगर किसी को छुट्टी चाहिए, यानी एक आदमी छुट्टी पर जाएगा तो दूसरा आदमी काम करेगा, अगर दूसरा आदमी छुट्टी पर जाएगा तो तीसरा आदमी काम करेगा। कहा जा सकता है कि ऐसे दिनों में वैकेशन वेंच काम करता है, लेकिन वैकेशन बेंच के जरिए कितना काम होता है, यह हम सब लोग जानते हैं।’ उन्होंने इसे ब्रिटिश परंपरा बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऐसी चीजों को समाप्त करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि आजादी के पहले उस जमाने में जज अंग्रेज होते थे और उन्हें भारत की गर्मी बर्दाश्त नहीं होती थी।

मोदी ने बताई अंग्रेजी राज में छुट्टियों का कारण
मोदी ने कहा कि तब प्लेन नहीं थे तो उन्हें पानी के जहाज से इंग्लैंड आने-जाने में काफी वक्त लगता था, इसलिए वे इतनी लंबी छुट्टियां करते थे। उन्होंने कहा, ‘इसलिए वैकेशन की जो परंपरा शुरू हुई, खासकर स्कूलों में और अदालतों में, इस ब्रिटिश परंपरा की जड़ें वहां पर है। एक और आश्चर्य की बात है कि निचली अदालतों में किसी प्रकार की ‘वैकेशन’ नहीं है। मैं आपके माध्यम से कहना चाहूंगा कि ‘वैकेशन वैकेट’ यानी छुट्टियों की छुट्टी करो। छुट्टियों के लिए छुट्टी की आवश्यकता नहीं है।’

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