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'राज्यसभा के सभापति से बिना शर्त माफी मांग लें', राघव चड्ढा को सुप्रीम कोर्ट ने दिया सुझाव

राघव चड्ढा ने राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक की पड़ताल के लिए एक प्रवर समिति के गठन की मांग की थी। हालांकि, कई सांसदों ने आरोप लगाया था कि राघव चड्ढा ने उनकी सहमति के बिना इस प्रस्ताव में उनका नाम जोड़ा। इसके बाद चड्ढा को निलंबित कर दिया गया था।

Written By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Published : Nov 03, 2023 14:28 IST, Updated : Nov 03, 2023 14:28 IST
राघव चड्ढा निलंबन मामला।
Image Source : PTI राघव चड्ढा निलंबन मामला।

आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा से प्रवर समिति मामले में अपने निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। बते दें कि राघव चड्ढा को बीते 11 अगस्त को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था। इस मामले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। हालांकि, सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राघव चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से बिना शर्त माफी मांगने को कहा है। 

सुनवाई में क्या हुआ?

राघव चड्ढा निलंबन मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सांसद को इस मामले पर बिना शर्त माफी मांगने के लिए राज्यसभा के सभापति से मिलने के लिए कहा है। सीजेआई ने उम्मीद जताई कि सभापति इस पूरे मामले पर सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाएंगे और इस संबंध में आगे कदम उठाएंगे। कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से दिवाली की छुट्टियों के बाद मामले में आगे के घटनाक्रम से अवगत कराने को कहा है।

सदन की गरिमा प्रभावित करने का इरादा नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने चड्ढा के वकील के बयान को भी दर्ज किया कि सांसद का इरादा उस सदन की गरिमा को प्रभावित करने का नहीं है जिसके वह सदस्य हैं। वकील ने कहा कि राघव चड्ढा राज्यसभा के सभापति से मिलने का समय मांगेंगे ताकि वह बिना शर्त माफी मांग सकें। इस पर कोर्ट ने कहा कि सदन के तथ्यों और परिस्थितियों की को देखकर सभापति माफी पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकते हैं।

क्यों निलंबित हुए थे चड्ढा?

आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा को 11 अगस्त को राज्यसभा से निलंबित किया गया था। सदन के कुछ सदस्यों ने आरोप लगाया था कि राघव चड्ढा ने उनकी सहमति के बिना एक प्रस्ताव में उनका नाम जोड़ा। इस प्रस्ताव में दिल्ली सेवा विधेयक की पड़ताल के लिए एक प्रवर समिति के गठन की मांग की गई थी। बता दें कि आम आदमी पार्टी ने इस बिल का काफी विरोध किया था। 

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