नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पिछले वर्ष के सियासी घटनाक्रम पर आज सुप्रीम कोर्ट ने कई बातें कहीं। इसके साथ ही कोर्ट ने यह मामला सात जाओं कि बड़ी बेंच को भेज दिया। इसी दौरान कोर्ट ने इस पूरे प्रकरण में राज्यपाल की भूमिका पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल राजनीति के मैदान में आकर पार्टी के अंदरूनी या बाहरी विवाद को सुलझाने की भूमिका नहीं निभा सकते। कोर्ट ने कहा कि फ्लोर टेस्ट कराने का राज्यपाल का फैसला गलत था।
"उस समय मैंने जो किया वह सही किया"
वहीं अब इसके बाद महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि उस समय मैंने जो किया वह सही किया। अगर कोई इस्तीफा दे रहा है तो मैं मना कैसे कर सकता हूं? उन्होंने कहा कि अब वह उस जिम्मेदारी से मुक्त हो चुके हैं और राजनितिक मसलों से खुद को दूर रखते हैं। कोश्यारी ने कहा कि वह कानून के जानकार व विद्यार्थी नहीं हैं। अगर इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ कहा है तो एस्पर्ट्स इस काम की विवेचना कर सकते हैं, मैं नहीं।
"मैंने जनता की लड़ाई के लिए इस्तीफा दिया"
वहीं सुप्रीम कोर्ट इस तमाम टिप्पणियों के बाद उद्धव ठाकरे ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। ठाकरे ने कहा कि देश में लोकतंत्र की हत्या हुई। राज्यपाल की भूमिका गलत थी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला देश का भविष्य तय करेगा। ठाकरे ने कहा कि राज्यपाल को फ्लोर टेस्ट बुलाने का अधिकार नहीं था। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब स्पीकर फैसला सुनाने के लिए ज्यादा वक्त ना लें। मुझे भरोसा है कि महाराष्ट्र की जनता मेरे साथ है। उद्धव ने कहा कि मैंने जनता की लड़ाई के लिए इस्तीफा दिया था। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस देश में प्रजातंत्र की रक्षा करना हमारा काम है।
रिपोर्ट - पीयूष