Highlights
- पंजाब कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने शनिवार को पार्टी को अलविदा कह दिया।
- जाखड़ की गिनती पंजाब कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में होती थी और एक समय वह मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी थे।
- जाखड़ पिछले कुछ समय से बागी रुख अपनाए हुए थे और कांग्रेस हाईकमान से नाराज चल रहे थे।
Sunil Jakhar Quits Congress: पंजाब कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने शनिवार को पार्टी को अलविदा कह दिया। इससे पहले जाखड़ ने सोशल मीडिया के अपने सभी अकाउंट्स के बायो से कांग्रेस से जुड़ा परिचय हटा दिया था। कांग्रेस ने ‘अनुशासनहीनता’ के लिए पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ को पार्टी के सभी पदों से हटाने का फैसला किया था और तभी से जाखड़ नाराज चल रहे थे। बता दें कि जाखड़ की गिनती पंजाब कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में होती थी और एक समय वह मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी थे।
'ऊंचे पदों पर बैठे हैं ओछी मानसिकता के लोग'
जाखड़ ने कहा, 'ओछी मानसिकता वाले लोग कांग्रेस में ऊंचे पदों पर बैठे हैं। कांग्रेस को बीएसपी की तरह पेश करना एक गलती थी (चन्नी को सीएम बनाए जाने को लेकर)। ठीक यही हिंदुत्व की राजनीति के भी साथ है। लोग सोचते हैं कि यदि हमें धर्म के आधार पर ही वोट देना है तो कांग्रेस को वोट क्यों दें। अंबिका सोनी 1970 में कहां थीं। जब कांग्रेस को अपने लोगों की सबसे ज्यादा जरूरत थी तब वह अपनी जिम्मेदारियों से भाग गई थीं। आज मेरे पास कोई पद नहीं है, लेकिन विचारधारा है।'
'जिनके पास जमीर है, उन्हें सजा मिलेगी'
बता दें कि जाखड़ पिछले कुछ समय से बागी रुख अपनाए हुए थे और कांग्रेस हाईकमान से नाराज चल रहे थे। अपने खिलाफ कार्रवाई की खबरों पर जाखड़ ने कहा था कि जिनके पास अभी भी जमीर है, उन्हें सजा मिलेगी। कांग्रेस अनुशासन समिति ने 11 अप्रैल को जाखड़ को कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था और एक हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा था, लेकिन उन्होंने फैसला किया कि वह कोई जवाब नहीं देंगे।
जाखड़ ने की थी चन्नी की आलोचना
जाखड़ ने पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की भी आलोचना की थी और सूबे में AAP से मिली हार के बाद उन्हें कांग्रेस के लिए बोझ करार दिया था। जाखड़ ने इससे पहले पिछले साल अमरिंदर सिंह के अचानक हटने के बाद दावा किया था कि पंजाब के 42 विधायक उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सिर्फ 2 विधायक चन्नी के समर्थन में हैं। अमरिंदर के हटने के बाद जाखड़ सीएम पद की दौड़ में सबसे आगे थे, हालांकि उनका हिंदू होना उनके खिलाफ चला गया। जाखड़ के सीएम बनने की संभवानाएं उस वक्त खत्म हो गईं जब पार्टी नेता अंबिका सोनी ने कहा था कि कांग्रेस को किसी सिख चेहरे के साथ जाना चाहिए। (रिपोर्टर: विजयलक्ष्मी)