आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह एक बार फिर से मुसीबत में फंसते दिखाई दे रहे हैं। दो दशक से भी ज्यादा पुराने एक मामले में सुलतानपुर की एक कोर्ट ने संजय सिंह और सपा के नेता अनूप संडा समेत कई अन्य को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। संजय सिंह समेत अन्य आरोपी पेशी पर नहीं आए थे जिसपर अदालत ने कड़ी आपत्ति जताई और स्थानीय पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में।
गिरफ्तार कर के 28 अगस्त को पेश करें- कोर्ट
दरअसल, AAP सांसद संजय सिंह समेत कई अन्य आरोपियों के खिलाफ 23 साल पुराने मामले में गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था। मामले पर सुनवाई मंगलवार को होनी थी। हालांकि, आरोपियों के कोर्ट में पेश न होने पर अदालत ने मंगलवार को स्थानीय पुलिस को सांसद संजय सिंह, सपा नेता अनूप सांडा समेत चार अन्य को गिरफ्तार करने और 28 अगस्त तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है।
हाई कोर्ट में दाखिल की गई याचिका
सांसद संजय सिंह के वकील मदन सिंह ने बताया है कि संजय सिंह, अनूप सांडा और चार अन्य आरोपियों के खिलाफ बीते 13 अगस्त को गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। उस पर मंगलवार को सुनवाई हुई। वकील ने बताया कि संजय सिंह और सांडा की जमानत याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में दाखिल की गई हैं जिस पर 22 अगस्त को सुनवाई की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ये पूरा मामला 19 जून 2001 का है। खराब बिजली आपूर्ति के विरोध में पूर्व सपा विधायक अनूप सांडा के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ था। इसमें संजय सिंह के साथ पूर्व पार्षद कमल श्रीवास्तव, विजय कुमार, संतोष और सुभाष चौधरी ने भी हिस्सा लिया था जिसके बाद सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। विशेष न्यायाधीश योगेश यादव ने 11 जनवरी 2023 को संजय सिंह समेत सभी छह आरोपियों को दोषी करार देते हुए तीन-तीन महीने कैद की सजा सुनाई थी। एमपी/एमएलए कोर्ट ने बीते 9 अगस्त को छह लोगों को अदालत में पेश होने का आदेश दिया था। ऐसा न करने पर सभी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। (इनपुट: भाषा)
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