नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र में पीएम मोदी ने लोकसभा में चर्चा की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये देश के लिए आगे बढ़ने का समय है। हम भले ही नए संसद भवन में जाएंगे लेकिन पुराना संसद भवन भी लोगों को प्रेरणा देता रहेगा। इसके निर्माण में हमारे देश के लोगों का पैसा और पसीना लगा था। हम ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं।
पीएम ने कहा कि हम सभी इस ऐतिहासिक इमारत को अलविदा कह रहे हैं। आजादी से पहले यह सदन इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल की जगह था। आजादी के बाद इसे संसद भवन की पहचान मिली। यह सच है कि इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों ने लिया था, लेकिन हम कभी नहीं भूल सकते और गर्व से कह सकते हैं कि इसके निर्माण में जो मेहनत, मेहनत और पैसा लगा, वह मेरे देशवासियों का था।
रेलवे स्टेशन पर गुजारा करने वाला संसद पहुंच गया: PM
पीएम ने कहा कि पूरी दुनिया आज भारत में अपना मित्र ढूंढ रही है। सबका साथ, सबका विकास का मंत्र सबको जोड़ रहा है। ये संसद हम सबकी साझी विरासत है। पुरानी संसद से विदा लेना भावुक पल है। पीएम ने कहा कि लोकतंत्र की ताकत बहुत बड़ी है। रेलवे स्टेशन पर गुजारा करने वाला संसद पहुंच गया।
पहली बार संसद में अपने प्रवेश को किया याद
पीएम ने कहा कि मैं पहली बार जब संसद का सदस्य बना और पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में जब मैंने प्रवेश किया तो सहज रूप से इस सदन के द्वार पर अपना शीश झुकाकर अपना पहला क़दम रखा था। वह पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था। मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर रहने वाला एक गरीब परिवार का बच्चा कभी संसद में प्रवेश कर पाएगा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे लोगों से इतना प्यार मिलेगा।
G-20 की सफलता देश के 140 करोड़ नागरिकों की सफलता: PM
पीएम ने कहा कि आज आपने एक स्वर से G-20 की सफलता की सराहना की है। मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। G-20 की सफलता देश के 140 करोड़ नागरिकों की सफलता है। यह भारत की सफलता है, किसी व्यक्ति या पार्टी की नहीं। यह हम सभी के लिए जश्न मनाने का विषय है।
महिलाओं से बढ़ी सदन की गरिमा: पीएम
पीएम ने कहा कि समय के साथ-साथ सदन की संरचना भी बदलती रही और समावेशी बनती गई। पहले महिलाओं की संख्या कम थी लेकिन अब माताओं और बहनों की वजह से सदन की गरिमा बढ़ी है। करीब साढ़े सात हजार से ज्यादा प्रतिनिधि इस पूरे समय में दोनों सदनों में योगदान दे चुके हैं। इस कालखंड में करीब 600 महिला सांसदों ने भी अपना योगदान दिया। यह वो सदन है, जिसमें 93 साल के शफीकुर्रहमान जी भी अपना योगदान दे रहे हैं।
कोविड काल में भी सदन में आए सांसद: पीएम
पीएम मोदी ने कोविड काल में सदन के हालात पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जब कोविड काल था, तब भी तमाम गंभीर समस्याओं के बावजूद दोनों सदनों के सांसद उपस्थित रहे। कोविड टेस्टिंग हुई, मास्क भी पहना लेकिन कोई काम नहीं रुका। कोरोना काल में कोई व्हील चेयर तो कोई डॉक्टर को बाहर रखकर सदन के अंदर आया है।
75 सालों में सामान्य मानव का बढ़ा विश्वास: पीएम
पीएम ने कहा कि इसी भवन में दो साल 11 महीने तक संविधान सभा की बैठकें हुईं और देश के लिए एक मार्ग दर्शक जो आज भी हमें चलाते हैं उन्होंने हमें संविधान दिया। हमारा संविधान लागू हुआ, इन 75 वर्षों में सबसे बड़ी उपलब्धि देश के सामान्य मानव का इस संसद पर विश्वास बढ़ना रहा है।
पीएम ने नेहरू की तारीफ की, गांधी परिवार के योगदान को याद किया
पीएम मोदी ने देश के पीएम पद पर रहे लोगों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री से लेकर अटल बिहारी और मनमोहन सिंह तक, सभी ने देश को नई दिशा दी है। इन नेताओं ने सामान्य नागरिक को आवाज देने का काम किया है। सभी स्पीकरों ने सदन को सुचारू रूप से चलाया है। जब देश ने राजीव गांधी और इंदिरा गांधी को खोया तो इसी सदन ने उन्हें अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी। मैं आज सभी का अभिनंदन और वंदन करता हूं।
वन पेंशन वन टैक्स, जीएसटी, वन रैंक-वन पेंशन पर भी बात
पीएम ने कहा कि इस सदन में न्यूक्लियर समझौते पर आखिरी मुहर लगी। यहां आर्टिकल 370, वन पेंशन वन टैक्स, जीएसटी, वन रैंक-वन पेंशन भी देखा गया। यहीं पर गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला हुआ।
संसद पर हुए आतंकी हमले को किया याद
पीएम मोदी ने संसद पर हुए आतंकी हमले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि संसद में जब आतंकी हमला हुआ, उस वक्त ये केवल एक इमारत पर हमला नहीं था बल्कि हमारी जीवात्मा पर हमला था। देश इस घटना को कभी नहीं भूल सकता। आतंकियों से लड़ते हुए और सदस्यों को बचाते हुए जिन्होंने अपने सीने पर गोलियां झेलीं, मैं उनको नमन करता हूं।
पीएम ने ये भी कहा कि सदन छोड़ते समय मैं उन पत्रकारों को भी याद करना चाहूंगा, जिन्होंने यहां रिपोर्टिंग की। उन्होंने भारत की विकास यात्रा के लिए सबकुछ खपाया। कई पत्रकारों के लिए भी ये सदन छोड़ना एक भावुक पल होगा।
आपातकाल के रूप में हुआ हमला, अटलजी की एक वोट से गिरी सरकार
पीएम मोदी ने कहा कि इसी सदन में देश के लोकतंत्र पर आपातकाल के रूप में हमला हुआ। इसी सदन ने गठबंधन की सरकारें देखीं। इसी सदन में 1 वोट से वाजपेयी जी की सरकार गिर गई।
कभी भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त ने बम धमाके के जरिए अंग्रेज सल्तनत को जगाया था: पीएम
पीएम ने कहा कि ये वही सदन है जहां कभी भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त ने अपनी वीरता से बम धमाके के जरिए अंग्रेज सल्तनत को जगाया था। सरकारें आएंगी और जाएंगी, पार्टियां भी बनेंगी और बिगड़ेंगी, लेकिन ये देश रहना चाहिए। पंडित नेहरू की सरकार में बाबा साहेब ने देश को वाटर पॉलिसी दी थी। श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने इस देश को पहली इंडस्ट्री पॉलिसी दी थी। लाल बहादुर शास्त्री ने 65 के युद्ध में इसी सदन से देश के सैनिकों का मनोबल बढ़ाया था। इंदिरा गांधी के नेतृत्व को बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के आंदोलन में इसी सदन से देखा गया था।
चंद्रयान-3 मिशन का भी जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रयान 3 की सफलता से पूरा देश अभिभूत है। इसकी वजह से भारत के सामर्थ्य का नया रूप विज्ञान और तकनीक से जुड़ा। मैं सदन से देश के वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं और उनका अभिनंदन करता हूं।
धारा 370 हटाने पर सदन को हमेशा गर्व रहेगा: पीएम
पीएम मोदी ने लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान ये भी कहा कि धारा 370 हटाने पर सदन को हमेशा गर्व रहेगा।
वर्तमान सांसदों के लिए विशेष सौभाग्य: पीएम
पीएम ने कहा कि वर्तमान सांसदों के लिए यह विशेष सौभाग्य का विषय है और वह इसलिए क्योंकि हमें इतिहास और भविष्य दोनों की कड़ी का हिस्सा होने का अवसर मिला है। हम नए संसद में जाएंगे तो एक नए विश्वास के साथ जाएंगे। मैं सभी सदस्यों व अन्य के द्वारा दिए गए योगदान के लिए धन्यवाद करता हूं।
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