भोपाल: लोकसभा चुनावों के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो गया है। इंडिया गठबंधन में यह पहला मौका है, जब किसी राज्य में सीट शेयरिंग को लेकर बात फाइनल हो गई है। अब उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 17 पर कांग्रेस लड़ेगी तो बाकी की अन्य सीटों पर सपा समेत उसके अन्य सहयोगी दांव आजमाएंगे। इसके साथ ही मध्य प्रदेश में 29 सीटों में से 28 पर कांग्रेस लड़ेगी वहीं एक सीट पर सपा अपनी ताकत आजमाएगी।
यहां की खाजुराहो सीट पर समाजवादी पार्टी अपना प्रत्याशी उतारेगी। इस सीट पर साल 2008 में परिसीमन हुआ था। उसके बाद पहली बार 2009 के लोकसभा चुनाव से ही सपा यहां अपना उम्मीदवार उतारती आ रही है लेकिन उसे एक बार भी सफलता नहीं मिली है। 2008 के परिसीमन के बाद इस सीट पर अब तक तीन लोकसभा चुनाव हो चुके हैं और हर बार बीजेपी के उम्मीदवार ने ही सफलता हासिल की है। इस समय यहां से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सांसद हैं।
2009 में क्या रहा था परिणाम
2009 के लोकसभा चुनाव में खजुराहो से बीजेपी के जीतेंद्र सिंह बुंदेला 2,29,369 वोट हासिल हुए। उस समय कांग्रेस ने यहां से राजा पटेरिया को उम्मीदवार बनाया और उन्हें 2,01,037 वोट मिले। इस बार यहां से बीजेपी 28,332 के मामूली अंतर से चुनाव जीती। सपा उम्मीदवार जयवंत सिंह को केवल 20,045 वोट ही मिल सके। उन्हें कुल मतों में से केवल 3.44 प्रतिशत ही वोट मिले।
2014 से बढ़ गया हार-जीत का अंतर
इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने यहां से नागेन्द्र सिंह को उम्मीदवार बनाया। इस बार यहां से जीत का अंतर बढ़ा। बीजेपी उम्मीदवार को 4,47,966 वोट मिले। वहीं दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के राजा पटेरिया को केवल 2,27,476 वोट ही मिल सके। इसके साथ ही सपा के उम्मीदवार सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाह को केवल 40,069 मत ही मिल सके। हालांकि इस बार उनका मत प्रतिशत बढ़ा। इस बार सपा के उम्मीदवार को 4.58 प्रतिशत वोट मिले।
2019 में रिकॉर्ड मतों से जीते वीडी शर्मा
वहीं 2019 के लोकसभा चुनावों में तो यहां कहानी ही बदल गई। बीजेपी की तरफ से यहां मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा उम्मीदवार के तौर पर आये। वहीं कांग्रेस की तरफ से कविता राजे को उम्मीदवार बनाया गया। इसके अलावा सपा से वीर सिंह पटेल मैदान में उतरे। बीजेपी उम्मीदवार ने यहां से रिकॉर्ड 811,135 वोट प्राप्त किए तो कांग्रेस की गाड़ी 3,18,753 पर ही अटक गई। इसके अलावा सपा के उम्मीदवार को केवल 40,077 वोट ही मिल सके। इस बार इनके मत प्रतिशत में भी गिरावट आई। इस बार सपा को कुल मतों से केवल 3.19 प्रतिशत ही वोट मिले।