Highlights
- जी24 नेताओं का संगठन कर रहा फिर से नेतृत्व बदलने की मांग
- बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल करेंगे
- सोनिया गांधी ने मंगलवार को आनंद शर्मा और मनीष तिवारी के साथ की थी बैठक
पांच राज्यों में हुए हालिया विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार और उसके बाद जी—23 के वरिष्ठ नेताओं द्वारा दोषारोपण के बाद सोनिया गांधी फिर सक्रिय हो गई हैं। बैठकों का दौर शुरू हो गया है। देश की सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा समय तक सत्ता में रही पार्टी की लगातार हार और प्रियंका गांधी और राहुल गांधी पर उठ रहे सवालों के बीच सोनिया गांधी अब एक्शन में आ गई हैं। उन्होंने सक्रिय होकर पहले जी—23 के नेताओं से चर्चा की। फिर अब उथल—पुथल भरे माहौल के बीच पार्टी के सभी महासचिवों की बैठक 26 मार्च को बुलाई है।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार के बाद से कांग्रेस पार्टी में उथल-पुथल का माहौल है। एक तरफ जी24 नेताओं का संगठन फिर से नेतृत्व बदलने की मांग कर रहा है तो कुछ नेताओं ने तो सीधे तौर पर कांग्रेस की कमान गांधी से परिवार से लेकर किसी और को देने की मांग कर डाली है, लेकिन इन सबके बीच पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी हालात पर नजर बनाए हुए हैं और उन्होंने पार्टी नेताओं से मौजूदा हालात को लेकर एक बैठक करने को कहा है।
केसी वेणुगोपाल करेंगे मीटिंग की अध्यक्षता
सोनिया गांधी ने 26 मार्च को पार्टी के सभी महासचिवों की एक मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग की अध्यक्षता कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल करेंगे। यह मीटिंग 26 मार्च को पार्टी मुख्यालय पर होगी। जानकारी के मुताबिक, इस मीटिंग में सभी महासचिव और प्रदेश प्रभारी भी शामिल होंगी।
आपको बता दें कि पांच राज्यों में हुई पार्टी की हार के बाद से कांग्रेस में तगड़ा घमासान मचा हुआ है। जी23 नेताओं की ओर से लगातार नेतृत्व बदलने की मांग की जा रही है। जी23 नेताओं में कपिल सिब्बल ने सीधे तौर पर गांधी परिवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कपिल सिब्बल कांग्रेस के अन्य नेताओं के निशाने पर आ गए हैं।
जी-23 नेताओं के साथ बैठक
कांग्रेस को मौजूदा राजनीतिक संक्रमण के चक्रव्यूह से बाहर निकालने की शुरू की गई पहल के तहत सोनिया गांधी ने मंगलवार को जी-23 के वरिष्ठ नेताओं आनंद शर्मा और मनीष तिवारी के साथ बैठक की। इसमें पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में हार के बाद पार्टी के गहराए संकट और संगठनात्मक ढांचे में बदलावों से लेकर आने वाले चुनावों में भाजपा को मजबूत चुनौती देने से जुड़े मसलों पर चर्चा की गई।