भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव के बाद हंगामा मचा हुआ है। चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह की जीत के बाद पहलवानों ने निराशा जाहिर किया है, इसके साथ ही पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। इसके बाद जहां साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया तो वहीं बजरंग पुनिया ने अपना पद्म पुरस्कार पीएम आवास के बाहर फुटपाथ पर छोड़कर चले आए। संजय सिंह की जीत के बाद पहवलान काफी दुखी हैं। उनके इस खिलाफत के बाद कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
बृजभूषण सिंह ने कहा, 'कांग्रेस के गोद में बैठे इन पहलवानों के साथ देश का एक भी पहलवान नहीं है। वे कर रहे हैं विरोध तो करें, क्या अब उनके विरोध पर मैं फांसी पर लटक जाऊं? कुश्ती को एक ग्रहण लगा था, जो 11 महीने और तीन दिनों तक बना रहा। अब चुनाव हुआ और पुरानी फेडरेशन के समर्थित प्रत्याशी यानि हमारे समर्थित प्रत्याशी संजय सिंह उर्फ बबलू को जीत मिली है। जीत भी 40 और 7 के अंतर से हुई है जो कुश्ती का काम है उसको अब आगे बढ़ाना हमारा लक्ष्य है। अब वे जो कर रहे हैं करते रहें।
साक्षी मलिक के सन्यास लेने के फैसले पर बृजभूषण सिंह ने कहा, 'साक्षी ने कुश्ती को अलविदा कह दिया है तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं। ये पहलवान जो 12 महीने से हमें गाली देने का काम कर रहे हैं और आज भी गाली दे रहे हैं उनको गाली देने का हक किसने दिया है।आज वे कुश्ती संघ के चुनाव पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, इसका मतलब है कि वे सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। ये सभी कांग्रेस की गोद में जाकर बैठे हैं।
दरअसल, फेडरेशन के नए अध्यक्ष संजय सिंह जो पुराने अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ही बेहद करीबी हैं। उनकी जीत के बाद अब पहलवानों का कहना है कि बृजभूषण के करीबी के अध्यक्ष बनने के बाद अब उन्हें इंसाफ मिलने की उम्मीद और कम हो गई है और वे इससे काफी निराश हैं।