कांग्रेस नेता शशि थरूर द्वारा पीएम मोदी पर शिवलिंग पर बिच्छू वाले कथित बयान से जुड़े मानहानि मामले में दिल्ली हाई कोर्ट गुरुवार को फैसला सुनाएगा। शशि थरूर के इस अपमानजनक बयान के खिलाफ भाजपा नेता राजीव बब्बर ने थरूर पर मानहानि का केस दायर किया था। इसी केस में दिल्ली हाई कोर्ट गुरुवार को अपना फैसला सुनाने जा रहा है।
अब तक केस में क्या-क्या हुआ?
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर भाजपा नेता राजीव बब्बर द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे को रद्द करने की मांग की थी। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाई थी। साथ ही हाई कोर्ट ने 27 अप्रैल 2019 को निचली अदालत द्वारा शशि थरूर को जारी किए गए समन पर भी रोक लगा दी थी।
थरूर ने 2018 में दिया था बयान
दरअसल, ये पूरा मामला साल 2018 के अक्तूबर महीने का है। ANI के मुताबिक, अपनी किताब 'द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर' के बारे में बात करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने RSS के एक अनाम सूत्र का हवाला देते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी का व्यक्तित्व आरएसएस को पसंद नहीं आया है और यह उसके कार्यकर्ताओं में निराशा का कारण है।
क्या था थरूर का पूरा बयान?
शशि थरूर ने कहा था कि एक अनाम आरएसएस सूत्र ने एक पत्रकार से कहा था कि मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं। आप उन्हें अपने हाथ से नहीं हटा सकते और आप उन्हें चप्पल से भी नहीं मार सकते। थरूर ने कहा था कि अगर आप बिच्छू को छूने की कोशिश करेंगे, तो आपको डंक लगेगा, लेकिन अगर आप चप्पल से शिवलिंग को मारेंगे, तो यह आस्था के सभी पवित्र सिद्धांतों को कमजोर कर देगा।
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