तिरुवनंतपुरम: पुनर्गठित कांग्रेस कार्य समिति (CWC) में शामिल होने के साथ ही तीन बार के कांग्रेस के लोकसभा सदस्य शशि थरूर की किस्मत आखिरकार फिर खुलती नजर आ रही है। पिछले साल पार्टी नेता मल्लिकार्जुन खरगे के खिलााफ पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में हारने के बाद उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया था। कुछ लोगों ने थरूर के राजनीतिक अवसान की बात करनी शुरू कर दी थी। उनके समर्थक इस बात को लेकर चिंतित थे कि अगर उन्हें सीडब्ल्यूसी में शामिल नहीं किया जाता है, तो यह उनके लिए बहुत बड़ा झटका होगा। जैसे ही थरूर को पार्टी के शीर्ष निकाय में शामिल करने की खबर फैली, उनके समर्थकों ने राहत की सांस ली।
पार्टी आलाकमान का शुक्रिया अदा करते हुए थरूर ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से कांग्रेस वर्किंग कमेटी के लिए चुने जाने पर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं।
18-23 वर्ष के आयु वर्ग में सबसे लोकप्रिय नेता हैं थरूर
थरूर को ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जा रहा है, जिनकी पूरे केरल में पार्टी के कार्यकर्ताओं और उन लोगों के बीच पकड़ है, जो कांग्रेस को वोट देना पसंद करते हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक मीडिया समीक्षक ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि थरूर के पास बहुत बड़ा समर्थन आधार है। उन्होंने कहा, कहा, "भले ही पार्टी के भीतर थरूर को समर्थन प्राप्त न हो, लेकिन वह वर्तमान में 18 से 23 वर्ष के आयु वर्ग में सबसे लोकप्रिय कांग्रेस नेता हैं और सीडब्ल्यूसी में उनके शामिल होने से पार्टी के भीतर उनका समर्थन आधार बढ़ सकता है, खासकर असंतुष्ट लोगों का, जो वीडी सतीसन और के.सुधाकरन के वर्तमान नेतृत्व के साथ तालमेल बिठाने में असमर्थ हैं। अब सभी की निगाहें इस पर होंगी कि थरूर अपने पत्ते कैसे खेलते हैं।''
थरूर का राजनीतिक करियर-
थरूर के देश की राजनीति में अनुभव की बात की जाए तो उनके नाम 3 बार कांग्रेस के सांसद रहने की उपलब्धि हैं. साल 2009 में तिरुवनंतपुरम से 15वीं लोकसभा में चुने जाने के बाद से वो दो बार सांसद बने हैं। साल 2014 में 16वीं लोकसभा वो तिरुवनंतपुरम फिर सांसद बने. तब थरूर ने भारतीय जनता पार्टी के ओ राजगोपाल को लगभग 15,700 वोटों से हराया था। 2019 के 17वें लोकसभा चुनावों में भी शशि थरूर ने बीजेपी-एनडीए के उम्मीदवार कुम्मनम राजशेखरन को एक लाख वोटों से मात दी थी।
उन्होंने अपनी चतुराई से, अपने कौशल से जीत की हैट्रिक पूरी की। फिर उन्होंने मल्ल्किार्जुन खरगे के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया और अब इंतजार करना होगा कि क्या वह केरल के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों की रातों की नींद हराम कर देंगे, जैसा कि उन्होंने पिछले कई हफ्तों से किया है।
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