नई दिल्ली: कोहरे के कारण उड़ानों में देरी और दिल्ली हवाई अड्डे पर अव्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जनता के प्रति सरकार का उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया और उनसे यात्रियों को हुई असुविधा के लिए माफी मांगने की मांग की। सिंधिया पर हमला जारी रखते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मंत्री जी, अहंकार छोड़ो, जनता से माफी मांगो।’’ इससे एक दिन पहले भी उड़ानों में देरी और अव्यवस्था के मुद्दे पर थरूर और सिंधिया के बीच सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जुबानी जंग छिड़ गई थी।
बुधवार को सिंधिया द्वारा किये गये पलटवार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस सांसद थरूर ने कहा कि मंत्री के लिए बेहतर होगा कि वह मुझपर टिप्पणी करने के बजाय अपना ध्यान यात्रियों की पीड़ा पर केंद्रित करें। साथ ही उन्होंने कहा कि शायद, तब उन्हें अपने मंत्रालय की असंख्य अक्षमताओं, तैयारी की पूर्ण कमी और स्पष्ट खामियों को ठीक करने का समय मिल जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने बुधवार को थरूर के आरोपों का आर्म-चेयर आलोचक कहकर पलटवार किया था। सिंधिया ने दावा किया था कि थरूर थिसॉरस की अपनी गूढ़ दुनिया में खोए हुए हैं और इंटरनेट के जरिये चुनिंदा प्रेस लेखों से प्राप्त जानकारी को वह शोध समझते हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह तीखी प्रतिक्रिया उस वक्त की, जब थरूर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर आरोप लगाया कि दिल्ली हवाई अड्डे पर अराजकता नागर विमानन मंत्रालय की उपेक्षा और अक्षमता का परिणाम है, जो यहां विश्व के अन्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसी आधुनिक सुविधाएं स्थापित करने में विफल रहा है।
'लाखों लोग लगातार देरी से परेशान हो रहे'
थरूर ने बृहस्पतिवार को ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘कल मेरे ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री सिंधिया के चुनिंदा खंडन का जवाब देने के लिए मुझे गूढ़ समांतर कोश की आवश्यकता नहीं है। अकेले 14 और 15 जनवरी को लगभग 80,000 यात्रियों की उड़ानें रद्द हो गईं, जबकि लाखों लोग लगातार देरी से परेशान हो रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर रन-वे का रखरखाव कार्य महत्वपूर्ण होता है, लेकिन दिल्ली हवाई अड्डे पर ‘सीएटी-3 बी’ रन-वे का मरम्मत कार्य सितंबर 2023 में शुरू किया गया।
रन-वे का रखरखाव कार्य इससे पहले क्यों शुरू नहीं किया गया?
थरूर ने सवाल उठाया कि ये रखरखाव कार्य इससे पहले क्यों शुरू नहीं किया गया, अगर ऐसा किया गया होता तो ये कार्य सर्दियों से पहले पूरा हो जाता। उन्होंने इसे मंत्रालय की असफलता करार दिया। सिंधिया के इस तर्क पर कि क्रेन का उपयोग एक अन्य अहम परियोजना - द्वारका एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए किया जा रहा था, थरूर ने कहा, ‘‘वाह, आपके मंत्रालय का ध्यान आखिरकार रन-वे पर क्रेन की अहमियत की तरफ गया। रन-वे में बाधा डालने वाली क्रेन पर निर्णय लेने के लिए आपकी सरकार ने लगभग दो सप्ताह तक इंतजार क्यों किया? क्रेन द्वारा एसओपी के उल्लंघन का मामला पांच जनवरी को संज्ञान में लाए जाने के बावजूद 17 जनवरी को आपके द्वारा इस निर्णय को ट्वीट किए जाने तक कोई कार्रवाई नहीं की गई या घोषणा नहीं की गई।’’
पायलटों की है भारी कमी-थरूर
कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि डीजीसीए चाहे कितने भी अप्रभावी कारण बताओ नोटिस जारी कर ले, पायलट की भारी कमी, बार-बार उड़ान परिवर्तन और भारतीय यात्रियों के लिए निरंतर पीड़ा ही वास्तविकता है। उन्होंने कहा, ‘‘सीएटी-3 प्रशिक्षित पायलट की कमी के कारण 29 दिसंबर, 2023 को तीन दिनों के दौरान 50 उड़ानों का मार्ग परिवर्तित किया गया।’’ थरूर ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘‘भाजपा सरकार के दौरान असफल ‘उड़ान’ योजना पर हजारों करोड़ रुपये बर्बाद किये गये हैं। सात वर्षों के बाद, 493 सब्सिडी वाले मार्गों में से केवल 225 (लगभग 47 फीसदी) पर ही संचालन हो रहा है। यह (सरकार) उन 403 अन्य मार्गों पर भी विचार नहीं कर रही है, जिन्हें आवंटित किया गया था, लेकिन परिचालन ही शुरू नहीं हो सका।’’
'10 साल में आप सिर्फ 20 हवाई अड्डे ही जोड़ पाए हैं'
उन्होंने आरोप लगाया कि हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी करने का दावा आपकी बार-बार दोहराई जाने वाली सबसे मनगढ़ंत बातों में से एक है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘वर्ष 2014 के दौरान भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की वार्षिक रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में पहले से ही 125 हवाई अड्डे थे। 10 साल में आप सिर्फ 20 हवाई अड्डे ही जोड़ पाए हैं। इसकी तुलना में, 2004 से 2014 तक, संप्रग सरकार ने 35 हवाई अड्डे जोड़े।’’ थरूर ने कहा, ‘‘प्रिय सिंधिया, यह अफसोस की बात है कि पाला बदलने के बाद आपने जनता के प्रति मोदी सरकार का उपेक्षापूर्ण रवैया अपना लिया। जैसा कि राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान कहा है कि साफ है कि लोगों की पीड़ा इस सरकार की पीड़ा नहीं है।’’