मुंबई: एक तरफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी कि NCP पर कब्जे की जंग कानूनी तौर पर लड़ी जा रही है तो दूसरी तरफ शरद पवार इस लड़ाई को अपने ही स्टाइल में लड़ रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शरद पवार ने अजित पवार के साथ गए NCP के कई नेताओं से संपर्क किया है। इसके साथ ही शरद पवार का फ्यूचर प्लान पूरे महाराष्ट्र में रैलियां करने का है। शरद पवार अपनी पहली सभा भतीजे अजित के साथ गए दिलीप वलसे पाटिल के क्षेत्र शिवनेरी में करेंगे। इसके बाद पवार धनजंय मुंडे की विधानसभा सीट परली जाएंगे।
पब्लिक के बीच जाकर भरोसा हासिल करने का प्लान
शरद पवार का गुट भले ही विधानसभा विधानसभा अध्यक्ष और चुनाव आयोग को चिट्ठियां भेज रहा हो लेकिन एनसीपी सुप्रीमो ने साफ कर दिया है कि वह पब्लिक के बीच जाकर भरोसा हासिल करेंगे। अजित पवार आज से नया ऑफिस खोल कर पार्टी पर दावा कर रहे हैं तो उनके चाचा ने भी अपनी रणनीति बना ली है। चाचा पवार अब भतीजे पवार के करीबियों के अखाड़े में दंगल की तैयारी कर रहे हैं। शरद पवार ने एलान कर दिया है कि अब वह महाराष्ट्र के लोगों के पास जाएंगे और पूरे प्रदेश का दौरा करेंगे।
पाटिल और मुंडे की विधानसभा सीटों पर जाएंगे पवार
शरद पवार अपनी पहली सभा दिलीप वलसे पाटिल के विधानसभा क्षेत्र शिवनेरी में करेंगे। इसके बाद बागी नेता धनजंय मुंडे की असेंबली सीट परली जाएंगे। शरद पवार का दावा है कि महाराष्ट्र के नौजवान उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरी आज की जो शुरुआत है इसका आगे का रिजल्ट ठीक आएगा। मैंने सतारा डिस्ट्रिक्ट में ये देखा कि जो लोग स्वागत के लिए खड़े थे उनमें 80 प्रतिशत से ज्यादा नौजवान थे। मुझे पूरा विश्वास है कि ये नौजवान महाराष्ट्र के हितों की रक्षा के लिए हर कुर्बानी देंगे।
शरद पवार ने पार्टी पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाई
शरद पवार ने 5 जुलाई को पार्टी के सभी पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाई है। सबको एक प्रोफॉर्मा भेजा गया है जिसमें साफ-साफ लिखा है कि वे बिना किसी प्रेशर के, बिना किसी लालच के शरद पवार के साथ हैं। इस मीटिंग का न्योता अजित पवार को भी भेजा गया है। दूसरी तरफ 5 जुलाई को ही अजित पवार के गुट ने NCP की मीटिंग बुलाई है। शरद पवार ने सोमवार को ट्रेलर दिखा दिया। वह सड़क के रास्ते सतारा गये तो पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह उनका स्वागत किया। उन्होंने कराड में अपने राजनीतिक गुरू यशवंत राव चव्हाण को श्रद्धांजलि दी।
‘मुझे पहले भी ऐसी चीजों का अनुभव हुआ है’
पार्टी कार्यकर्ताों द्वारा जबरदस्त स्वागत के बीच उन्होंने बता दिया कि इस बगावत से उन्हें फर्क नहीं पड़ता। शरद पवार ने कहा, ‘मैंने ताकत दिखाने के लिए यहां किसी को नहीं बुलाया। 8-10 दिन बाद लोग जब सोचेंगे तो मुझे भी सही स्थिति क्या है, उसका अंदाजा आएगा। दूसरी बात कि स्ट्रेंथ कभी कम हो जाती है, कभी चुने हुए साथी छोड़ जाते हैं। ये बात शायद आप लोगों को नई लग रही होगी पर मुझे ऐसी चीजों के बारे में दो-तीन पुराने अनुभव हैं, जब ऐसी स्थिति का सामना करने की नौबत आई थी।
पवार ने सुनाया 1988 में पार्टी की टूट का किस्सा
शरद पवार ने कहा, ‘1988 में मेरी पार्टी की स्ट्रेंथ 69 थी। मैं कुछ काम के लिए विदेश गया एक महीने के लिए और वापस लौटने के बाद 5 छोड़कर बाकी लोग पार्टी छोड़कर चले गए थे। मगर मुझे कोई चिंता नहीं थी। मैंने पूरा महाराष्ट्र घूम-घूम कर, लोगों से मिलकर एक अलग माहौल पैदा किया और जब चुनाव हुआ तो जो हमारी स्ट्रेंथ थी वो रही। सब लोग चुनकर आ गए और जो छोड़कर गए इनमें से तीन या चार छोड़कर बाकी सब हार गए। इसलिए कितने गए, कौन गए, इसकी जांच मैं कभी करता नहीं हूं।’
शरद पवार कैंप में लौट आए बसमत के विधायक
शरद पवार के अभियान का असर पहले दिन से ही दिखने लगा। बसमत के विधायक राजू नवघरे, शरद पवार कैंप में लौट आए। वहीं, NCP के सांसद अमोल कोल्हे ने ट्वीट कर शरद पवार को अपना नेता मान लिया। अमोल कोल्हे अजित पवार के शपथ ग्रहण में मौजूद थे। अब कोल्हे दावा कर रहे हैं कि उन्हें ये पता ही नहीं था कि राजभवन में क्या होने वाला है। उन्होंने कहा, ‘इस बात का मुझे बिल्कुल इल्म नहीं था कि ये होने वाला है। शपथ ग्रहण समारोह होने वाला है और जब मैंने शपथ ग्रहण समारोह में मैंने ये सब सामने देखा तभी मैने मेरे सांसद पद से इस्तीफा देने की सोची।’ उन्होंने कहा कि मैं मजबूती से शरद पवार साहब के साथ हूं।