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Satyapal Malik: किस पार्टी में शामिल होंगे सत्यपाल मलिक? बताया रिटायरमेंट के बाद का प्लान

Satyapal Malik: सत्यपाल मलिक ने मेघालय के राज्यपाल के पद पर रहते हुए केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन करने वाले किसानों का समर्थन किया और केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया जिसके बाद वह सुर्खियों में आए।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Sep 30, 2022 19:11 IST, Updated : Sep 30, 2022 19:11 IST
Satyapal Malik
Image Source : FILE PHOTO Satyapal Malik

Highlights

  • मेघालय के राज्यपाल के पद से 30 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं मलिक
  • कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन करने वाले किसानों का किया था समर्थन
  • बिहार और जम्मू-कश्मीर के भी राज्यपाल रह चुके हैं सत्यपाल मलिक

Satyapal Malik: मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक 30 सितंबर को यानी आज अपने पद रिटायर हो रहे हैं। माना जा रहा है कि रिटायरमेंट के बाद वह सक्रिय राजनीति में आ सकते हैं। उन्होंने पहले से ही बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। वहीं, मलिक से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वर्तमान पद से रिटायरमेंट के बाद वह न तो किसी राजनीतिक दल में शामिल होंगे और न ही किसी पद के लिए चुनाव लड़ेंगे।

'मैं केवल उन गतिविधियों में भाग लूंगा जो किसानों से जुड़ी होंगी'

मलिक ने अपनी इस टिप्पणी से उन अटकलों पर विराम लगा दिया है कि वह राष्ट्रीय लोकदल (RLD) में शामिल हो सकते हैं। मेघालय के राज्यपाल के रूप में शुक्रवार (30 सितंबर) को मलिक का कार्यकाल पूरा हो रहा है। रिटायरमेंट के बाद की योजनाओं को लेकर मलिक ने कहा, ‘‘अभी तक मेरे पास कोई योजना नहीं है। मैं केवल उन गतिविधियों में भाग लूंगा जो किसानों से जुड़ी होंगी। मैं न तो किसी दल में शामिल होऊंगा और न ही कोई चुनाव लडूंगा।’’

RLD में शामिल होने की थी अटकलें
इससे पहले यह अटकलें लगाई जा रही थी कि मलिक RLD में शामिल हो सकते हैं। यह कयास उन विज्ञापनों को देखने के बाद लग रहे थे, जिनमें दिखाया गया था कि वह 3 अक्टूबर को शामली जिले में आयोजित एक 'किसान सम्मेलन' में भाग लेंगे और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के साथ मंच साझा करेंगे। मलिक ने स्पष्ट किया, ‘‘शामली की सभा एक गैर राजनीतिक थी और किसानों के लिए आहूत की गई थी, हालांकि धारा 144 लागू होने के चलते अब इसे कैंसिल कर दिया गया है।"

कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन करने वाले किसानों का किया था समर्थन
मेघालय के राज्यपाल के पद पर रहते मलिक ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन करने वाले किसानों का समर्थन किया और केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया जिसके बाद वह सुर्खियों में आए। उन्होंने राज्यपाल रहते किसानों का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया था। उन्होंने जम्मू कश्मीर का राज्यपाल रहते हुए कथित भ्रष्टाचार का मामला उठाया था।

बिहार और जम्मू-कश्मीर के भी राज्यपाल रह चुके हैं मलिक
मलिक 30 सितंबर 2017 को बिहार के राज्यपाल नियुक्त हुए थे। इसके बाद उन्हें अगस्‍त 2018 में जम्मू-कश्मीर और फिर 2020 में मेघालय में राज्यपाल पद पर भेजा गया। सत्‍यपाल मलिक 24 जुलाई 1946 को बागपत जिले में पैदा हुए और भारतीय क्रांति दल, भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस, जनता दल, लोक दल और समाजवादी पार्टी आदि राजनीतिक दलों से जुड़ने के बाद बीजेपी में शामिल हुए थे। मलिक 1989 में अलीगढ़ संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए और इसके पहले 1980 से 1989 तक राज्यसभा के भी सदस्‍य रहे थे।

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